TAPI: तुर्कमेनिस्तान से अफगानिस्तान-पाकिस्तान होते हुए भारत आएगी गैस की पाइपलाइन
काबुल : लंबे समय से तापी (TAPI) गैस पाइपलाइन की चर्चा होती रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत तुर्केमेनिस्तान से गैस की एक पाइपलाइन अफगानिस्तान से होते हुए पाकिस्तान और फिर भारत (India) में आएगी। तापी का पूरा नाम तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इंडिया गैस पाइपलाइन है। लंबे समय से लटका यह प्रोजेक्ट फिर से शुरू होने वाला है। अफगानिस्तान ने बुधवार को 10 अरब डॉलर के इस प्रोजेक्ट के अपने हिस्से पर काम शुरू करने की घोषणा की है। इस पाइपलाइन के जरिए तुर्कमेनिस्तान के गल्किनीश गैस क्षेत्र से दक्षिण एशिया तक प्राकृतिक गैस पहुंचेगा।
तापी गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट में अफगानिस्तान में सुरक्षा चिंताओं और संघर्ष के कारण लगातार देरी होती रही है। तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक समारोह में अफगानिस्तान के सरकारी चैनल पर कहा, ‘आज से अफगानिस्तान की धरती पर ऑपरेशन शुरू हो जाएगा।’ तालिबान के अधिकारियों और नेताओं ने तुर्कमेनिस्तान की सीमा पर एक समारोह आयोजित किया। अफगान प्रधान मंत्री हसन अखुंद समेत दोनों पक्षों के अधिकारियों ने इस परियोजना की सराहना की।
तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति सर्दार बर्दीमुहामेदो ने कहा, ‘इस परियोजना में शामिल सभी देशों की अर्थव्यवस्था को इससे फायदा होगा। साथ ही पूरे क्षेत्र के देशों को इससे लाभ होगा।’ अफगानिस्तान ने एक कदम आगे जाकर सीमावर्ती हेरात प्रांत में इस अवसर के मौके पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया। प्रोजेक्ट के नाम के पोस्टर राजधानी में लगाए गए। इस पाइपलाइन के शुरू होने के बाद हर साल 33 बिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस तुर्कमेनिस्तान निकालेगा।
हालांकि अफगानिस्तान के लिए यह पाइपलाइन बेहद महत्वपूर्ण है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक भारत और पाकिस्तान दोनों इसका 42-42 फीसदी हिस्सा खरीदेंगे। अफगानिस्तान 16 फीसदी गैस खरीदेगा। साथ ही हर साल अफगानिस्तान गैस के लिए रास्ता देकर 500 मिलियन डॉलर की कमाई करेगा। तुर्कमेनिस्तान की ओर से 2015 में इसे शुरू किया गया था। 2018 में अफगानिस्तान में इसका काम शुरू होना था। लेकिन बार-बार इसमें देरी होती रही। न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबानी सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि तापी के जरिए 12000 लोगों को रोजगार मिलेगा।