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ट्रंप की चुनौती को अवसर में बदलेगी केंद्र सरकार, मायावती ने कहा- राष्ट्रहित से कोई समझौता नहीं

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने गुरुवार को अमेरिका द्वारा लगाए गए नए व्यापार शुल्कों की कड़ी आलोचना की और भारत सरकार से राष्ट्रीय हितों, खासकर किसानों और छोटे व्यवसायों के हितों की रक्षा करने की गुजारिश की। इस मुद्दे पर बोलते हुए मायावती ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अगस्त से भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने और रूस से तेल आयात पर जुर्माना लगाने के फैसले पर चिंता व्यक्त की। मायावती ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए केंद्र सरकार को इसे अवसर में बदलने को कहा।

उन्होंने लिखा कि ’मित्र’ देश बताने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय आयात पर कल दिनांक 1 अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क तथा रूस से तेल आयात करने पर पेनाल्टी लगाने की भी नई उभरी चुनौती को केन्द्र सरकार इसे अवसर एवं आत्मनिर्भरता में बदलकर देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित नहीं होने देगी, तथा इसको लेकर देश को दिये गये इस आश्वासन पर कि ’किसान, छोटे व मंझोले उद्योग और राष्ट्रहित से कोई समझौता नहीं करेगी’, इस पर सरकार खरी उतरकर दिखाएगी भी, ऐसी देश को आशा।

उन्होंने ये भी लिखा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला अधिकतर ग़रीबों और मेहनतकश लोगों का देश है, जिसे हर हाथ को काम देने वाली श्रम शक्ति के बल पर देश को आगे बढ़ाने की नीति बनाकर उस पर सही से अमल किया जाये तो देश निश्चय ही आत्मनिर्भरता के साथ-साथ ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ वाला सुखी व सम्पन्न देश बन सकता है, जिसमें ही संविधान के मानवतावादी एवं कल्याणकारी उद्देश्य के हिसाब से जन व देशहित पूरी तरह से निहित है व यह सुरक्षित भी रह सकता है।

गौरतलब हो कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि भारत हमेशा से रूस से अधिकांश सैन्य आपूर्ति खरीदता आया है और चीन के साथ मिलकर रूस से ऊर्जा खरीदने वाला सबसे बड़ा खरीदार है। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया चाहती है कि रूस यूक्रेन में हत्याएं बंद करे, ये चीजें बिल्कुल भी अच्छी नहीं हैं। ये सब अच्छी चीजें नहीं हैं! इसलिए भारत को 25 प्रतिशत टैरिफ देना होगा, साथ ही उपरोक्त कारणों को लेकर जुर्माना भी देना होगा, जो 1 अगस्त से लागू होगा। इस विषय पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद।