इन 7 होटलों में भूतों का बसेरा होने के बावजूद लोग जाने को रहते हैं बेताब
कहीं घूमने जाने को अगर कोई प्लान बना रहे हों तो ये जानकारी आपके लिए है। हम अपनी ट्रिप को मजेदार बनाने के लिए क्या कुछ नहीं करते हैं। लोकेशन के चयन के बाद जो पहला काम होता है वो होटल बुकिंग का ही होता है। अपने अनुभव को यादगार बनाने के लिए हम अच्छे से अच्छा होटल ढूंढते हैं। भारत में अंग्रेजी शासन के दौरान बहुत से आलीशान भवनों और होटलों का निर्माण करवाया गया था।
बहुत से भवनों को हेरिटेज घोषित कर दिया, जबकि कुछ होटल खंडहर में तब्दील हो गए। माना जाता है कि उस दौरान बनाए गए बहुत से होटल आज अपनी संरचनात्मक खूबसूरती से ज्यादा डरावने अनुभवों के लिए जाने जाते हैं। जानकारों का मानना है कि इन होटल्स में भूत-प्रेतों का साया है। रहस्य की पड़ताल में पढ़िए उन पुराने भवनों और होटल्स के बारे में जो अब भटकती आत्माओं का अड्डा बन चुके हैं।
मॉर्गन हाऊस पश्चिम बंगाल में कालिम्पोंग नामक हिल स्टेशन पर स्थित है। इस होटल की संरचना कुछ ऑस्कर वाइल्ड की प्रसिद्ध किताब ‘द कैंटरविले घोस्ट’ के महल से बहुत हद तक मेल खाती है। जॉर्ज मोरगन कभी यहां अपनी पत्नी के साथ रहा करते थे, लेकिन जब उनकी पत्नी का देहांत हो गया तो वे यह घर छोड़कर चले गए। बाद में इसे एक लॉज बना दिया गया, लेकिन वहां ठहरने वाले लोगों ने शिकायत की। उन्हें लग रहा था कि वहां कोई आत्मा मौजूद है। लोगों को वहां किसी औरत के हाई हील्स में चलने की आवाजें सुनाई देती हैं।
हैदराबाद में रामोजी फिल्म सिटी का निर्माण निजाम सुल्तानों के युद्ध क्षेत्र पर हुआ है, लिहाजा यहां कई मौतें हुई होंगी। गौरतलब है कि आस-पास के होटलों से रहस्यमयी घटनाओं की शिकायतें मिलती रहती हैं। यहां कभी किसी लाइट या लाइट-मैन का ऊंचाई से गिर पड़ना, बाथरूम के शीशे पर उर्दू में कुछ लिखा होना, खाने की प्लेटों का बिखरा होना आदि कई हादसे देखने को मिलते रहे हैं।
ब्रिज राज भवन राजस्थान के कोटा शहर में स्थित है। इस होटल का इतिहास भी भारत में अंग्रेजों से जुड़ा हुआ है। इस भवन में कभी मेजर चार्ल्स बर्टन नाम का एक ब्रिटिश अधिकारी रहा करता था। जिससे इस भवन की रहस्यमयी कहानी जुड़ी है। इसका भवन निर्माण 19वीं शताब्दी के दौरान करवाया गया था, जिसे बाद में एक हेरिटेज होटल में तब्दील कर दिया गया। माना जाता है कि 1857 की क्रांति के दौरान चार्ल्स बर्टन और उनके परिवार की इसी होटल में हत्या कर दी गई थी। कहते हैं यहां आज भी मेजर का भूत भटकता है, जानकारों का मानना है कि आधी रात के दौरान यहां अनहोनियां घटती रहती हैं।
उत्तराखंड के मसूरी स्थित सवॉय होटल भारत के ऐतिहासिक होटल्स में एक है, जिसका निर्माण 1902 में करवाया गया था। अपनी खूबसूरती के साथ-साथ ये होटल भारत के चुनिंदा भुतहा होलट में भी गिना जाता है। जानकारों का मानना है कि यहां किसी ब्रिटिश लेडी गारनेट ऑरमेकी की आत्मा भटकती है। जो सन् 1911 में यहां रहने आई थीं, लेकिन कुछ समय बाद गारनेट की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी। मौत की वजह आज तक किसी को पता नहीं लग सकी। शाम के बाद होटल के कुछ कमरों में से अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देती हैं।
मुंबई स्थित ताज होटल से भी कई रहस्यमयी कहानियां जुड़ी हैं। होटल में ठहरने आए सैलानी और काम करने वाले कर्मचारियों ने यहां अजीबोगरीब घटनाओं का अनुभव किया है। इस होटल का डिजाइन एक ब्रिटिश वास्तुकार डब्लू ए चेम्बर्स ने तैयार किया था, माना जाता है कि वे होटल का ब्लू प्रिंट तैयार कर इंग्लैंड चले गए थे, लेकिन जब वे वापस यहां आए तो ये देखकर चौक गए कि होटल उनके द्वारा निर्धारित दिशा के उलटा बनाया गया है। ये सब देख उस वास्तुकार ने होटल की पांचवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। माना जाता है कि इस होटल में आज भी चेम्बर्स की आत्मा भटकती है।
लोनावाला भारत के महाराष्ट्र राज्य में पुणे जिले का खूबसूरत पहाड़ी क्षेत्र है। जहां राज किरण होटल स्थित है, जो अपने डरावने अनुभवों के कारण ज्यादा चर्चा में आया। माना जाता है कि इस होटल में असामान्य घटनाएं घटती है। जानकारों का मानना है कि इस होटल के रिसेप्शन के पीछे, कोने में एक कमरा है, जहां किसी प्रेत का साया है। इसलिए ये कमरा बाकी कमरों की तुलना में ज्यादा खाली रहता है। इस कमरे में कोई ठहरना नहीं चाहता है। कई ग्राहक ये शिकायत कर चुके हैं कि इस कमरे में रात को सोते वक्त कोई अदृश्य शक्ति चादर खींच लेती है। इसके अलावा यहां रात के दौरान डरवानी नीली रोशनी भी दिखाई देती है। इन अजीबोगरीब घटनाओं ने इस होटल को चुनिंदा प्रेतबाधित स्थानों में शामिल कर दिया है।