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डिफेंस एक्सपो से DRDO की ताकत देखेगी दुनिया, गांधीनगर में जुटेंगे 100 देशों के लोग

नई दिल्ली। गुजरात के गांधीनगर में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा आयोजित 12वें डिफेंस एक्‍सपो में स्वदेशी हथियारों, रक्षा उपकरणों और तकनीकों का प्रदर्शन होगा। डीआरडीओ द्वारा विकसित किए गए 430 से अधिक रक्षा उपकरणों तथा हथियारों की ताकत का गवाह दुनिया के 100 देश बनेंगे। एक्सपो में 25 देशों के रक्षा मंत्री व 75 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। एशिया के इस सबसे बड़े रक्षा आयोजन के 12वें संस्करण की थीम ‘पाथ टू प्राइड’ है, जो ‘इंडिया एट 75’ और ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ के साथ संबद्ध है।

बॉर्डर सर्विलांस सिस्टम (बीओएसएस): इसकी खासियत यह है कि यह रात- दिन, धूप-बारिश किसी भी मौसम में करता है। ये खुद ही ऑटोमैटिक रोटेशन में घूमता है। यह दुश्मन के मूवमेंट को तस्वीरों के जरिए कंट्रोल रूम तक पहुंचा देता है। इससे 20 किलोमीटर दूर से ही दुश्मनों पर नजर रखी जा सकती है।

लेजर फेंस सिस्टम (एलएफएस): लेजर फेंस सिस्टम (एलएफएस) बाड़े की तरह काम करता है। लेजर तकनीक से लैस यह सिस्टम महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, प्रतिबंधित क्षेत्रों और सीमाओं की रक्षा के लिए बहुत उपयोगी है। अनधिकृत व्यक्तियों के द्वारा घुसपैठ को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भी इसका उपयोग किया जा सकता है। भारतीय सेना नौसेना, वायु सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कई अन्य सरकारी एजेंसियों के लिए यह उपयोगी है।

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