बच्चे को माना जायेगा वैध, लीव इन रिलेशन पर UCC में और क्या किये गये हैं प्रावधान
देहरादून: लीव इन रिलेशन (live in Relation) के दौरान हुए बच्चे को वैध माना जायेगा। उत्तराखंड (Uttarakhand) में लागू होने जा रहे समान नागरिकता कानून (UCC) में ये प्रावधान किया गया है। बता दें कि समान नागरिकता कानून विधेयक को उत्तराखंड विधानसभा में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पेश कर दिया है। सदन में बहस के बाद इसे अंतिम मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जायेगा। राज्यपाल से मंजूरी के बात UCC विधेयक कानून के रूप में पूरे राज्य मे लागू कर दिया जायेगा। इसमें लीव इन रिलेशन को लेकर कई तरह के प्रावधान और बदलाव किये गये हैं। बता दें कि UCC के तहत बनाये गये कानून राज्य के सभी निवासियों पर लागू होंगे। चाहे वे राज्य के मूल निवासी हों या न हों।
बच्चे को माना जायेगा वैध
नये कानून के मुताबिक लीव इन में रहने के लिए पहले रजिस्ट्रार ऑफिस में इसकी रजिस्ट्री करानी होगी। साथ ही लीव में रहने वाले युवक युवती को इसकी जानकारी अपने माता-पिता को भी देनी होगी। अगर रिलेशन समाप्त करना चाहते हैं तो इसकी जानकारी भी रजिस्ट्रार ऑफिस को देनी होगी। साथ ही कहा गया है कि अगर लीव इन के दौरान जोड़े को बच्चा होता है, तो उसे वैध माना जायेगा। बाद में रिलेशन खत्म होने पर युवती बच्चे के भरण-पोषण के लिए कोर्ट में दावा पेश कर सकती है। कोई जोड़ा अगर बिना रजिसट्रेशन लीव इन में रहता है तो उसे तीन महीने की सजा और 10 हजार रुपये तक का जुर्माना भी देना होगा।
ऐसे लीव इन को माना जायेगा गैरकानूनी
UCC के मुताबिक ऐसे लीव इन रिलेशन को वैध नहीं जायेगा जिसमें युवक औऱ युवती के बीच पहले से पारिवारिक या रक्त संबंध नहीं होगा। साथ ही दोनों पार्टनर में से कोई एक पहले से विवाहित हो या नाबालिग हो तो भी लीव इन की इजाजत नहीं मिलेगी। धोखे से या जबरन लीव इन रिलेश को भी अवैध माना जायेगा। साथ ही विधेयक में कहा गया है कि लीव इन नियमों का राज्य के अनुसूचित जनजाति के समूहों पर लागू नहीं किया जायेगा। वहीं, लीव इन रिलेशन को खत्म करने की जानकारी भी रिजस्ट्रार ऑफिस को देनी होगी। सरकार का मानना है कि लीव इन रिलेशन के कानूनों में बदलाव से बहुविवाह पर रोक लग सकेगी।