सूडान में फंसे भारतीयों को लेकर एक्शन मोड में विदेश मंत्री जयशंकर, सऊदी अरब और UAE ने किया हरसंभव मदद का वादा
नेशनल डेस्क: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हिंसाग्रस्त सूडान की स्थिति पर सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा की। भारत, सूडान में हिंसा की स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है, खास तौर पर ऐसी स्थिति में जब वहां भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं हैं। संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ टेलीफोन पर बातचीत के बाद जयशंकर ने कहा कि उन्होंने UAE के अपने समकक्ष के साथ सूडान की स्थिति को लेकर चर्चा की। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘UAE के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नाहयान का सूडान की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए धन्यवाद। हमारा लगातार समन्वय मददगार है।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान से भी बातचीत की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फहरान से अभी-अभी बात की। हम करीबी सम्पर्क कायम रखेंगे।” इस बीच, सरकारी सूत्रों ने बताया कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रियों ने जयशंकर को जमीन पर व्यवहारिक समर्थन प्रदान करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि भारत संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम कर रहा है, जिसकी सूडान में पर्याप्त उपस्थिति है।
बता दें कि सूडान में पिछले छह दिन से देश की सेना और एक अर्धसैनिक समूह के बीच घातक संघर्ष जारी है, जिसमें कथित तौर पर करीब 100 लोग मारे जा चुके हैं। सूडान की राजधानी खार्तूम में जारी व्यापक हिंसा के बीच वहां भारतीय दूतावास ने सोमवार को जारी परामर्श में भारतीयों से घरों से बाहर नहीं निकलने व शांत रहने को कहा था। वहीं रविवार को दूतावास ने कहा था कि खार्तूम में गोली लगने से घायल हुए भारतीय नागरिक की मौत हो गई है।
खार्तूम में हिंसा शुरू होने के बाद जारी अपने दूसरे परामर्श में भारतीय मिशन ने कहा था, ‘‘ ताजा जानकारी के आधार पर दूसरे दिन भी संघर्ष कम नहीं हुआ है। हम भारतीयों से आग्रह करते हैं कि वे जहां हैं, वहीं पर रहें और बाहर न निकलें।” आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सूडान में करीब 4000 भारतीय रहते हैं। सूडान की सेना ने अक्टूबर 2021 में तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा कर लिया था और तब से वह एक संप्रभु परिषद के माध्यम से देश चला रही है। सूडान पर नियंत्रण को लेकर देश की सेना तथा शक्तिशाली अर्द्धसैनिक बल के बीच लगातार खींचतान जारी है।