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कैसे होता है सैनिक स्कूलों में एडमिशन ? जानें परीक्षा और फीस से जुड़ी सभी डिटेल

नई दिल्ली. आर्मी में भर्ती होने का सपना देखने वाले स्टूडेंट्स हमेशा से सैनिक स्कूलों में पढ़ने की चाहत रखते हैं. इन स्कूलों में बच्चों को बेहतर एजुकेशन, डिसिप्लीन और शानदार करियर गाइडेंस मिलती है. कानून में आए बदलावों के बाद अब लड़कियां भी इन स्कूलों में पढ़ सकती हैं. ऐसे में अगर अपने बच्चे का एडमिशन सैनिक स्कूल में करवाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल काफी हेल्पफुल होगा.

सैनिक स्कूल का एंट्रेंस एग्जाम हर साल एनटीए द्वारा आयोजित किया जाता है. इस एग्जाम के जरिए छठीं और 9वीं क्लास में एडमिशन मिलता है. छठीं क्लास में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 10 से 12 साल होनी चाहिए, वहीं 9वीं क्लास वाले बच्चे की उम्र 13 से 15 साल के बीच होनी चाहिए. सैनिक स्कूलों में बच्चों का एडमिशन उनके परफॉर्मेंस और मेडिकल फिटनेस को जांच कर दिया जाता है.

ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम के एप्लीकेशन फॉर्म अक्टूबर से नवंबर महीने के बीच भरे जाते हैं. एग्जाम जनवरी में होता है.

ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एग्जाम के लिए एनटीए द्वारा हर साल नोटिफिकेशन जारी किया जाता है. जिसके तहत ऑनलाइन फॉर्म भरे जाते हैं. वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भरते समय बच्चे अपने परिवार के किसी सदस्य की ईमेल आईडी या फोन नंबर जरूर लगाएं ताकि एनटीए द्वारा सभी सूचनाएं ईमेल या मैसेज के जरिए बच्चों तक पहुंच सकें.

रिटेन एग्जाम पास करने के बाद बच्चे को मेडिकल फिटनेस टेस्ट भी देना पड़ता है. इसके बाद बच्चे का आर्मी भर्ती की ही तरह वेरिफिकेशन होता है, तब एडमिशन मिलता है.

सैनिक स्कूल साधारण स्कूलों से काफी अलग और अच्छे माने जाते हैं इसीलिए यहां फीस भी काफी अलग है. सैनिक स्कूलों की सालाना फीस की बात करें तो लगभग 50,000 रुपये से लेकर 1,00,000 रुपये के आसपास है. फीस स्कूल के फेम और एजुकेशन सिस्टम पर निर्भर करती है.