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घर-परिवार की कई परेशानियां दूर कर सकता है गंगाजल, जानिए इससे जुड़े उपाय

हिंदू धर्म में गंगा को नदी ही नहीं माता माना जाता है। इसके जल को अमृत के समान बताया गया है और सभी धार्मिक कार्यों में इसका इस्तेमाल होता है। भगवान शिव की जटाओं से निकलनेवाली गंगा के बारे में मान्यता है कि इसमें स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। हर साल अमावस्या, पूर्णिमा और अन्य शुभ तिथियों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा में स्नान करते हैं और इसकी पूजा करते हैं। गंगाजल को धार्मिक ही नहीं वास्तु शास्त्र में भी काफी महत्व दिया गया है। आज हम आपको गंगाजल से जुड़े वास्तु के उपायों के बारे में बताने जा रहे है, जिससे आपके जीवन की बाधाएं दूर होंगी और घर-परिवार के माहौल में सकारात्मकता आएगी।

यदि कुंडली में ग्रह दोष की वजह से जीवन में परेशानियां आ रही हैं, तो प्रत्येक सोमवार को गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करें। इससे ग्रह दोष शांत होते हैं और उनका नकारात्मक प्रभाव कम होने लगता है।

शनि देव को शांत करने के लिए शनिवार को एक कलश में पानी लेकर उसमें थोड़ा सा गंगा जल मिला लें। फिर इस जल को पीपल की जड़ में अर्पित करें। इससे शनि का दोष दूर होता है।

घर में परिवार के सदस्यों के बीच बिना वजह लडाई-झगड़े होते हों, तो इसके पीछे घर का वास्तु दोष हो सकता है। इससे मुक्ति के लिए रोज पूजा के बाद घर से सभी कमरों में गंगाजल का छिड़काव करें।

यदि घर का कोई सदस्य बार-बार बीमार पड़ रहा हो, तो ये वास्तु दोष हो सकता है। इसे दूर करने के लिए उसके स्नान के जल में थोड़ा गंगाजल मिलाएं। साथ ही पूजा के बाद रोजाना गंगाजल का आचमन कराएं। इस पवित्र जल के सेवन से बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

अगर अक्सर रात में बुरे सपने आते हैं, या बुरी नजर की वजह से बच्चा रात भर रोता रहता है, तो सोने से पहले बिस्तर पर गंगाजल का छिड़काव कर लें। साथ ही बच्चे पर गंगाजल के छींटें मारें। इससे बुरी नजर का असर खत्म हो जाएगा और रात में अच्छी नींद आएगी।

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