लिवर को खरोंचकर खोखला कर देती है यह बीमारी, चुपके से आते हैं ये 4 संकेत, बिना शराब पीए भी हो सकता है नुकसान
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज बेहद खतरनाक बीमारी है जिसके कारण हेपटाइटिस और लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है. यह ऐसी बीमारी है जो चुपके से शरीर में घुसती है लेकिन शुरुआत में अगर इसका निदान नहीं किया जाए तो धीरे-धीरे यह लिवर को खरोंच कर खोखला कर देती है. लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंदरुनी अंग है. लिवर के कारण शरीर में 500 से अधिक कामकाज पूरे होते हैं. लिवर ही भोजन में जाने वाले सभी तरह के जहर को निकालकर बाहर फेकता है. इसलिए यह समझा जा सकता है कि लिवर का हमारे शरीर में कितना महत्वपूर्ण काम है.
नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज में वास्तव में अतिरिक्त फैट लिवर में जमा होने लगता है. नॉन अल्कोहलिक इसे इसलिए कहते हैं कि क्योंकि यह बिना शराब पीने वालों में होता है. यानी जो लोग शराब नहीं पीते हैं या थोड़ी बहुत कभी-कभार शराब पीते हैं उनमें नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज होता है.
नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) में लिवर में फैट जमा होने लगता है. इससे कई तरह की गैस्ट्रो से संबंधित परेशानियां हो जाती है. साफ शब्दों में कहें तो नॉन अल्कोहलकि फैटी लिवर डिजीज के कारण पेट और पाचन से जुड़ी कई तरह की परेशानियां बढ़ जाती है. अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो इससे लिवर डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है. यहीं नहीं नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज सिरोसिस बीमारी का भी कारण बन सकता है. इसलिए समय पर डॉक्टर से दिखाना जरूरी हो जाता है.
1. पेट फूलना- टीओआई की खबर के मुताबिक नॉन फैटी लिवर डिजीज में ब्लॉटिंग या पेट फूलना आम लक्षण है. वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोइंटेरोलॉजी के मुताबिक सिरोसिस के जितने मामले आते हैं, उनमें 80 प्रतिशत को यह शिकायत रहती है. जब एब्डोमिनल केविटी में फ्लूड जमा होने लगता है तब ब्लॉटिंग होती है. अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए तो इससे इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है.
2. पेट में दर्द-नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के कारण पेट में दर्द होने लगता है. इसमें पेट के उपरी हिस्से में दर्द होता है. यह धीरे से आता है लेकिन काफी दर्दनाक होता है. इसमें पेट दर्द के साथ पेट में ऐंठन या मकोड़ भी होता है. गंभीर स्थिति होने पर बेचैनी और भूख नहीं लगती है.
3. अपच-एक अध्ययन के मुताबिक नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज में गैस्ट्रोएसोफेगल रिफलक्स के लक्षण पाए गए. यानी इस स्थिति में पेट में गैस बनना, पाचन सही से नहीं होना, हर्टबर्न और डकार जैसी समस्याएं भी साथ आती है. दरअसल, भोजन जब नहीं पचता है तो इसमें गैस्ट्रिक जूस मिल जाता है और पेट के उपर की ओर आने लगता है. ऐसे में लगता है कि भोजन वापस में मुंह में आ रहा है.
4. पेट से बाहर नहीं निकलना-इसमें पेट बहुत भारी महसूस होता है लेकिन स्टूल पास नहीं होता है. यानी डाइजेशन सही से नहीं होता है और बहुत बेचैनी भी रहती है. उपर के दो भी लक्षण अगर एक साथ दिखें तो डॉक्टर से जरूर दिखाना चाहिए.