उत्तर प्रदेश

विश्व कैंसर दिवस से पहले एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में हुआ कैंसर विजेताओं का सम्मान

बरेली,03फरवरी। विश्व कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर तीन फरवरी को श्रीराम मूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज ने कैंसर से जंग लड़कर मात देने वाले कैंसर विजेताओं को सम्मानित किया। कैंसर विजेताओं ने बीमारी की जानकारी देने के साथ एसआरएमएस में इसके उपचार के दौरान के अपने अनुभव साझा किए। सभी ने एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में मिले उपचार पर संतुष्टि जताई और यहां के डॉक्टर और स्टाफ की सराहना की। पीजी के विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक के जरिये कैंसर मरीज फूलवती की कहानी का मंचन किया और इसके जरिए कैंसर से बचाव के उपाय बताए और लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक किया। पीजी स्टूडेंट डा.मिशा ने कैंसर मरीजों की परेशानी को कविता के माध्यम से उठाया और अन्य पीजी विद्यार्थियों ने गाना रुक जाना नहीं तू कहीं हार के गाकर कैंसर का सामना बहादुरी से करने को प्रेरित किया। एसआरएमएस ट्रस्ट संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति जी ने कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी बीमारी हो, सबका समय पर इलाज जरूरी है। ऐसा न होने पर छोटी सी फांस भी बाद में नासूर बन कर बड़ी दिक्कत बन जाती है। कैंसर के साथ भी यही है। इसके प्रति थोड़ा ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। जागरूकता के साथ नियमित जांच की जरूरत है। ऐसा करवा कर कैंसर से बचा जा सकता है।

अलखनंदा रिसार्ट में आयोजित सम्मान समारोह में एसआरएमएस ट्रस्ट संस्थापक व चेयरमैन देवमूर्ति जी ने सभी कैंसर मरीजों की हिम्मत को सराहा और इस महामारी से बचाव के लिए दूसरों को जागरुक करने की अपील की। उन्होंने कहा कि 2007 में स्थापित इस कैंसर इंस्टीट्यूट को 17 वर्ष हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि आरंभिक चरण में पहचान होने और अत्याधुनिक संसाधनों की वजह से कैंसर का पूरी तरह इलाज अब संभव है। एसआरएमएस में अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से अनुभवी डॉक्टरों की टीम इसका सफल इलाज कर रही है। आयुष्मान कार्ड धारकों को भी यहां पर कैंसर का निशुल्क इलाज उपलब्ध करवाया जाता है। यहां न कोई बेजा जांच करवाई जाती है और न ही कोई बेजा पैसा लिया जाता है। कैंसर सहित सभी बीमारियों के प्रति जागरूक रहें और शरीर को स्वस्थ रखें। क्योंकि शरीर है तो जीवन है।
आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ.पियूष अग्रवाल ने कैंसर की जानकारी दी और इससे बचाव के उपाय बताने के साथ सेंटर में उपलब्ध तकनीक और उपकरणों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि 2007 में स्थापना के साथ ही आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर मरीजों के उपचार में संलग्न है। अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से यहां कैंसर के मरीजों का इलाज किया जाता है। रोबोटिक सर्जरी भी यहां पर आरंभ हो चुकी है। इसी वजह से बरेली और आसपास के जिलों के साथ ही यहां उत्तराखंड, नेपाल, लखीमपुर खीरी तक के मरीज कैंसर के इलाज के लिए यहां आते हैं। गायनी ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ.मनोज तांगड़ी ने महिलाओं को कैंसर से बचाव की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए सभी पिताओं को अपनी बेटियों को उनके जन्मदिन पर वैक्सीनेशन और घर की महिलाओं को उनके जन्मदिन पर कैंसर स्क्रीनिंग का तोहफा देना चाहिए। इससे सर्वाइकल कैंसर सहित महिलाओं में होने वाले शरीर के अन्य अंगों के कैंसर को समय रहते पहचाना जा सकती है और आरंभिक चरणों में ही पहचान होने पर इसका सफल उपचार किया जा सकता है। आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट में में हर तरह के कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज किया जा रहा है। डा.अरविंद सिंह चौहान ने कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का आभार जताया और कैंसर के संबंधित आंकड़े पेश किए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में भारत में कैंसर 14 लाख नए मरीजों तक पहुंचा। जबकि 9 लाख मरीजों की कैंसर से मृत्यु हुई। डा.चौहान ने कैंसर से की पहचान के साथ इससे बचाव के तरीकों की भी जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डा.संयमिता जैन ने किया।
इस मौके पर मेडिकल कालेज के डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन आदित्य मूर्ति, प्रिंसिपल एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डा.एमएस बुटोला, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ.आरपी सिंह, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा.ललित सिंह, डा.रोहित शर्मा, डा.राजीव टंडन, डा.शशांक शाह, डा.प्रतीक गहलोत, डा.सचिन पाठक, डा.आशीष मेहरोत्रा, डा.वंदना नेगी, डा.मिलन जायसवाल, डा.स्मिता गुप्ता, डा.तनु अग्रवाल, डा.हुमा खान, डा.पवन मेहरोत्रा, डा.आयुष गर्ग, डा.शुभांशु गुप्ता, आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट सेंटर की टीम और स्टाफ मौजूद रहा।
इन कैंसर विजेताओं का हुआ अभिनंदन———
-महेश चंद्र, बरेली, विजय पाल, मुरादाबाद ,महा सिंह, हल्द्वानी,
बृजपाल सिंह, शाहजहांपुर ,जेपी तिवारी, सुल्तानपुर,राजेश, बरेली,
भगवान देवी, बरेली,रविंदर कौर, मुरादाबाद,झल्लू राम, लालकुआं,
खुशनुमा, बरेली,बिमला देवी, नैनीताल,आयशा खान, रामपुर ,
हेमवती, बरेली,महमूदा बेगम, पीलीभीत,रफीक अहमद, बरेली। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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