अगर सीएम है तो फिर डिप्टी सीएम का क्या है रोल, इसका कोई महत्व है? जानें क्या कहता है संविधान

नई दिल्ली. कर्नाटक में मुख्‍यमंत्री पद पर कौन विराजमान होगा? इस मसले का हल धीरे-धीरे साफ होता हुआ नजर आ रहा है. मौजूदा परिस्थितियों पर नजर डालें तो क्लियर नजर आ रहा है कि कांग्रेस सरकार की कमान एक बार फिर सिद्धारमैया ही हाथों में ही जाएगी. वहीं मुख्‍यमंत्री पद की दौड़ में शामिल डीके शिवकुमार को सरकार में दूसरा सर्वोच्च पद डिप्टी सीएम के रूप में मिलेगा.

खबरों की माने तो सोनिया गांधी के दबाव में आकर डीके शिवकुमार ने डिप्टी सीएम पद के लिए हामी तो भर दी है, लेकिन इससे उन्हें कुछ खास लाभ प्राप्त होने वाला नहीं है. वजह डिप्टी सीएम के अधीन कुछ खास जिम्मेदारी होती नहीं है. यह पद बस महसूस कराता है कि मौजूदा सरकार में आप नंबर दो की हैसियत रखते हैं.

चुनाव के बाद अक्सर मुख्‍यमंत्री पद के लिए राज्य में जंग छिड़ जाती है. इस जंग को शांत करने या जातिगत समीकरण को साधने के लिए पार्टी डिप्टी सीएम पद की घोषणा करती है. बता दें ऐसा कोई पद होता नहीं है. इस पद पर आसीन किए गए शख्स का पार्टी में होना न होना एक बराबर है.

डिप्टी सीएम पद पर आसीन व्यक्ति सामान्य मंत्रियों की तरह प्रदेश के अहम फैसलों या कैबिनेट मीटिंग में हिस्सा लेता है. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि वह उनकी बात बातों पर गौर करे या ना करे. संविधान में भी ऐसे किसी पद का उल्लेख नहीं किया गया है.

इस पद से संबंधित एक मसला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है. दरअसल, साल 1989 में तत्कालीन डिप्टी पीएम देवी लाल के समय सुप्रीम कोर्ट में इस पद के अधिकारों को स्पष्ट किए जाने की याचिका दायर हुई थी. शपथ ग्रहण समारोह के दौरान यह विवाद उत्पन्न हुआ था. वीपी सिंह सरकार में जब देवी लाल को शपथ ग्रहण करा रहे थे. उस दौरान वह कैबिनेट मंत्री की जगह लगातार उप प्रधानमंत्री बोल रहे थे.

इस घटना का जिक्र तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमण ने अपनी किताब में भी किया है. उन्होंने अपनी किताब ‘कमीशन फॉर ऑमिशन ऑफ इंडियन प्रेसीडेंट’ में जिक्र करते हुए लिखा है, मैं देवी लाल जी को मंत्री पद की शपथ दिला रहा था, लेकिन वह कैबिनेट मंत्री की जगह लगातार उप प्रधानमंत्री बोल रहे थे. बाद में जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने कहा कि डिप्टी पीएम का कोई संवैधानिक पद होता नहीं है. डिप्टी पीएम मंत्रिमंडल का केवल सदस्य भर होता है.

 

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