आईवीआरआई के 134वें स्थापना दिवस एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं का रंगारंग कार्यक्रमों के साथ शुभारम्भ

 


बरेली , 08 दिसम्बर। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में कल 134वें स्थापना दिवस एवं खेलकूद प्रतियोगिताओं का उद्घाटन रंगारंग कार्यक्रमों के साथ हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि डा. विष्णु प्रसाद मिश्रा, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु अनुवांशिक ससांधन, ब्यूरो, करनाल तथा संस्थान निदेशक एवं कुलपति डा. त्रिवेणी दत्त सहित सभी संयुक्त निदेशक तथा प्रभारी खेलकूद सचिव आदि की उपस्थिति में फीता काटकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर आईवीआरआई के केन्द्रीय विद्यालय के छात्रों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम कर प्रस्तुति दी।

अपने उद्बोधन में डा. विष्णु प्रसाद मिश्रा ने 134वें स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि मुझे गर्व हैं मैं एक ऐसे संस्थान का छात्र रहा हूँ जिसने पशुचिकित्सा केे क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि इस संस्थान की स्थापना वर्ष 1889 में पुणे में इंपीरियल बैक्टीरियोलोजिकल प्रयोगशाला के रूप में हुई थी। उन्होंने कहा कि संस्थान का सबसे बड़ा योगदान देश से रिण्डरपेस्ट पशु महामारी का उन्मूलन है उसके पश्चात संस्थान ने कई नैदानिकों तथा टीकों का विकास किया तथा पशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुसंधान के साथ ही पशु उत्पादन तथा विकास पर कार्य कर वृंदावनी गाय तथा लैंडली सूकर का विकास किया। उन्होंने इस अवसर पर संस्थान द्वारा चलाये जा रहे नवीन कोर्स के बारे में भी जानकारी दी।

संस्थान निदेशक एवं कुलपति डा. त्रिवेणी दत्त ने स्थापना दिवस एवं वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिताओं के आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि किसी भी संस्था का स्थापना दिवस अत्यन्त महत्वपूर्ण होता है तथा आईवीआरआई ने अपने 133 वर्षों में पशुधन स्वास्थ्य एवं पशुधन विकास में टीकों एवं नैदानिकों को विकसित कर किसानों तथा राज्य सरकारों की आवश्यकताओं को पूरा किया है। डा. त्रिवेणी दत्त ने कहा कि संस्थान द्वारा 50 तकनीकों को 150 वाणिज्यक घरानों को हस्तांतरित किया है। 71 नये डिप्लोमा, टेªनिंग तथा सार्टिफिकेट कोर्स शुरू किये गये हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अनुरूप कार्य कर रहा है तथा डीम्ड यूनिवसिर्टी से ग्लोबल यूनिवसिर्टी बनाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। संस्थान के संयुक्त निदेशालय शोध द्वारा शोध को गति देने के लिए अनेक वित्तीय परियोजनायें चलायी जा रही हैं तथा 77 प्रोजेक्ट अटेंड किये हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान के कैडराड द्वारा समय-समय पर आउटब्रेक अटेंड किये गये तथा नेशनल एडवाइजरी जारी की गयी। संस्थान के प्रसार शिक्षा द्वारा राष्ट्रीय प्रसार शिक्षा के कार्यक्रम चलाये गये तथा इंडस्ट्री इंटरफेस मीट आदि का आयोजन किया गया। इन सभी योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए डा. त्रिवेणी दत्त ने संस्थान के सभी संयुक्त निदेशकों का आभार जताया। उन्होंने इस अवसर पर मीडिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान की तकनीकों को किसानों तथा पशुपालकों तक पहुँचाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है।

इस अवसर पर खेलकूद प्रभारी डा. ए.के. एस. तोमर नें मुख्य अतिथि का संस्थान के 134 वें स्थापना दिवस तथा वार्षिक खेलकूद में पधारने हेतु धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस गौरवशाली संस्थान ने देश की पशु सम्पदा के स्वास्थ्य के लिए उत्पादन के लिए अभूतपूर्व कार्य किया है। उन्होंने इस अवसर पर संस्थान में होने वाले खेलकूद कार्यक्रमों की भी जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डा. अंशुल शर्मा तथा डा. अंजू काला द्वारा किया गया। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डा. अंजू काला द्वारा दिया गया। इस अवसर पर संस्थान के संयुक्त निदेशकगण, विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक तथा अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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