आखिर क्‍यों इन देवी को लगाया जाता है बासी खाने का भोग? सेहत से है सीधा कनेक्‍शन, जानिए क्या है चौंकाने वाली वजह

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि को शीतला माता की पूजा की जाती है. 2 दिन के इस पर्व को बासोड़ा भी कहते हैं. इस दिन शीतला माता की पूजा करने से आरोग्‍य का वरदान मिलता है. गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिलती है. लिहाजा अच्‍छी सेहत पाने के लिए शीतला माता का व्रत जरूर रखना चाहिए और इस दिन कथा भी सुननी चाहिए. साथ ही विधि-विधान से माता शीतला की पूजा करें. इस दिन शीतला माता को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है इसलिए इसे बासोड़ा पर्व भी कहते हैं. साथ ही सभी लोग भी शीतला अष्‍टमी के दिन बासी और ठंडा भोजन ही करते हैं.

इस साल चैत्र मास के कृष्‍ण पक्ष की सप्‍तमी तिथि यानी कि शीतला सप्तमी तिथि 13 मार्च 2023 की रात 9 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 14 मार्च 2023 की रात 8 बजकर 22 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार शीतला सप्तमी 14 मार्च को मानी जाएगी. इस दिन शीतला माता की पूजा का समय – सुबह 06.31 बजे से शाम 06.29 बजे तक रहेगा.

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की शीतला अष्टमी 14 मार्च 2023 की रात 08 बजकर 22 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 15 मार्च 2023 की शाम 06 बजकर 45 मिनट पर होगा. इस तरह 15 मार्च को शीतला अष्टमी मनाई जाएगी. इस दिन शीतला माता की पूजा का मुहूर्त 15 मार्च की सुबह 06.30 बजे से शाम 06.29 बजे तक रहेगा.

धर्म-पुराणों के अनुसार जो भी महिला शीतला अष्टमी का व्रत करती है उसका पूरा परिवार निरोगी रहता है. साथ ही इस दिन शीतला माता को बासी भोजन का भोग इस मकसद से लगाया जाता है कि इसके बाद गर्मी का मौसम शुरू हो जाएगा और इस दौरान केवल ताजा भोजन ही करना होगा. इस तरह इस मौसम में बासी भोजन करने का ये आखिरी दिन है.

 

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