इजरायल-हमास जंग के बीच गाजा में सीजफायर का प्रस्ताव UN में पारित, 120 देशों ने किया समर्थन

 


तेल अवीव:इजरायल-हमास की जंग के बीच गाजा में मानवीय आधार पर संघर्ष विराम के लिए जॉर्डन की ओर से पेश किया गया प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित हो गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक विशेष सत्र के दौरान इजरायल और हमास के बीच तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का जोरदार आह्वान किया और गाजा पट्टी तक सहायता पहुंचाने तथा नागरिकों की सुरक्षा की मांग की गई। सदन में यह प्रस्ताव तालियों की गड़गड़ाहट के साथ पारित हुआ।

संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव के पक्ष में 120 वोट और विरोध में केवल 14 वोट पड़े। वहीं, भारत, कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन समेत 45 देशों ने इस मतदान प्रक्रिया से खुद को बाहर रखा। प्रस्ताव को सदन में यह बोलकर पारित किया गया कि अरब देशों द्वारा तैयार किया गया प्रस्ताव बाध्यकारी नहीं है, लेकिन यह राजनीतिक महत्व रखता है। क्योंकि इजरायल ने 75 साल पुराने इतिहास में नागरिकों पर सबसे खराब हमास हमले के जवाब में गाजा में जमीनी कार्रवाई तेज कर दी है।

सुरक्षा परिषद द्वारा पिछले दो सप्ताह में चार बार कार्रवाई करने में विफल रहने के बाद महासभा ने मतदान किया। प्रस्ताव पारित करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता थी। प्रस्ताव का उद्देश्य इस युद्ध तथा लोगों के खिलाफ नरसंहार को रोकना एवं गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाना है।

फलस्तीनी संयुक्त राष्ट्रदूत रियाद मंसूर ने संवाददाताओं से कहा,गाजा में युद्ध को रोकने की सख्त आवश्यकता है ताकि बच्चों और नागिरकों की हत्याओं व इस विनाश को रोका जा सके। वहीं, इजराइल के संयुक्त राष्ट्र राजदूत गिलाद एर्दान ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है और वह हमास के हमलों को सहता रहे। ऐसे नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अब कोई वैधता या प्रासंगिकता नहीं रखता।

मतदान के बाद उन्होंने महासभा जारी हुए इस प्रस्ताव को हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव का लक्ष्य है कि इजराइल को हमास से अपनी रक्षा करने का अधिकार बंद कर देना चाहिए, ताकि हमास अत्याचार करता रहे।

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