इन बीमारियों से बचने के लिए जरूरी होता है ओमेगा 3, आज ही करें डाइट में शामिल

 


नई दिल्ली। ओमेगा-3 एक ऐसा पोषक तत्व है, जिसको हम अक्सर इग्नोर करते है.ओमेगा-3 डाइट का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिससे कई फायदे होते है. ओमेगा-3 से बॉडी पर कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन इससे समग्र स्वास्थ्य प्रभावित होता है. स्किन की परेशानियों से वजन को नियंत्रित रखने तक ओमेगा- 3 मदद करता है और कैंसर जैसी भयानक बीमारी से भी हमें बचाता है, इसलिए यह बेहद जरुरी होता है कि हम ओमेगा-3 पर ध्यान दें.

ओमेगा-3 बहुत ही जबरदस्त और हेल्दी सप्लीमेंट में आता हैं और यह शरीर और दिमाग के लिए उतना ही जरुरी होता है, जितना हमारे लिए भोजन. इसलिए ओमेगा-3 पर ध्यान रखना चाहिए. ओमेगा-3 फैटी एसिड दिल से संबंधित बीमारियों से दूर रहने में मदद करता है और एक स्वस्थ हार्ट रखता है. इसके साथ ही यह आखों की रोशनी, जॉइंट पेन में भी मददगार होता है और बॉडी बिल्डर्स भी लीन मसल बनाने के लिए इसका उपयोग करते है.

ओमेगा 3 फैटी एसिड स्किन को मुलायम, नमी से युक्त, और झुर्रियों दूर करने में मदद करता है और हमारी त्वचा को डिहाइड्रेट होने से बचाता है. साथ ही यह हमारे दिल को भी बेहतर बनाता है और जॉइंट पेन में भी मदद करता है, लेकिन कई लोगों की डाइट से ओमेगा 3 फैटी एसिड गायब मिलता है, क्योंकि हमें इसके फायदे और नुकसान नहीं पता होते तो हम ज्यादा ध्यान भी नहीं देते है. ओमेगा 3 फैटी एसिड हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी पोषक तत्व होता है, जिसका पर्याप्त मात्रा में रहना बहुत जरुरी है, क्योंकि उसी से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है.

ओमेगा 3 फैटी एसिड से क्या फायदें होते हैं?
ओमेगा 3 फैटी एसिड शरीर के लिए बहुत उपयोगी होता है और हमें कई तरह की बीमारियों से दूर रखता है, इसलिए इसका पर्याप्त मात्रा में रहना बहुत जरुरी होता है.
– गर्भावस्था में बच्चे के मस्तिष्क का निर्माण में मददगार होता है.
– ह्रदय संबंधी रोगों से दूरी रखता है.
– मोटापे में मदद करता है.
– हाई ब्लड प्रेशर को कम करता है.
– आंखों को फायदा देता है.
– अवसाद और चिंता को दूर रखता है.
– ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर को कम करता है.
– बच्चों में अस्थमा की परेशानियों को कम करता है.
– जिगर की वसा कम करने में मदद करता है.
– जोड़ों और हड्डियों के लिए बेहद जरुरी.
– मासिक धर्म के दर्द को कम करने में असरदार.
– नींद और स्किन के लिए बेहरत.
– दिमाग के विकारों को कम करने में लाभदायक.
– मेटाबॉलिक सिंड्रोम को कम करने में असरदार.

ओमेगा 3 फैटी एसिड से क्या नुकसान होते हैं?
– कई बार ओमेगा 3 के पूरक लेने से बीपी लो हो जाता है और लो ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसे लेने में बहुत सर्तकता बरतनी चाहिए, जिससे कोई परेशानी ना हो.
– ओमेगा 3 फैटी एसिड लेने से कई बार रक्त स्त्राव का खतरा बढ़ जाता है और रक्त संबंधी विकारों के बढ़ने से खतरा बढ़ जाता है.
– अगर डायबिटीज का मरीज दवा के साथ ओमेगा 3 पूरक लेता है तो यह नुकसान देता है, इसके होने से रक्त शर्करा स्तर बढ़ता है.
– अधिक मात्रा में ओमेगा 3 के पूरक लेने से आंतों से सम्बंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
– अधिक मात्रा में ओमेगा 3 के पूरक लेने से जी मिचलाना खराब स्वाद, दस्त, डकार और सीने में जलन की परेशानी होती है.

एनआईएच ने महिला, बच्चों और पुरुषों के लिए उम्र के हिसाब से ओमेगा 3 फैटी एसिड की अलग-अलग मात्रा निर्धारित की हैं.
– शिशु के लिए (12 महीने तक)- 0.5 g
– बच्चे के लिए (1 से 3 साल तक)- 0.7 g
– बच्चे के लिए (4 से 8 साल तक)- 0.9 g
– लड़के के लिए (9 से 13 साल तक)- 1.2 g
– लड़कियों के लिए (9 से 13 साल तक)- 1.0 g
– युवक के लिए (14 से 18 साल तक)- 1.6 g
– युवतियों के लिए (14 से 18 साल तक)- 1.1 g
– पुरुषों के लिए (19 से 50 साल तक)- 1.6 g
– महिलाओं के लिए (19 से 50 साल तक)- 1.1 g
– पुरुष के लिए (50 साल से अधिक)-1.6 g
– महिलाओं के लिए (50 साल से अधिक)- 1.1 g
गर्भवती महिलाओं के लिए- 1.4 g
– स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए- 1.3 g

ओमेगा 3 फैटी एसिड के स्रोत क्या हैं?
ओमेगा 3 फैटी एसिड शाकाहारी और मांसाहारी दोनों खाद्य पदार्थों में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है.

मछली, शैवाल, ब्लूबेरी, हरी सब्जियां, राजमा, अलसी के बीज, सोयाबीन, फूलगोभी, अखरोट, सरसों के बीज, मेथी के बीज, काला चना, सहजन की पत्तियां, खोआ, पालक

मांसाहार में सैल्मन मछली और गौमांस ओमेगा 3 के मुख्य स्रोत माने जाते हैं, पकाया हुआ गोमांस और सूखा सैल्मन हमें लेना चाहिए.

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