इस बार कब से शुरू होने जा रहे हैं होलाष्टक, जानिए क्यों लग जाता है शुभ और मांगलिक कार्यों पर बैन

नई दिल्ली। सनातन धर्म के अनुसार होली के त्योहार से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते है। यह शोक के दिन माने जाते हैं इसलिए इन दिनों में कोई शुभ और मांगलिक कार्य नही किया जाता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार भी यह दिन अच्छे नही माने जाते है। इस बार होलीष्टक की शुरूआत फरवरी माह के आखिरी दिन 28 फरवरी से होने जा रही है।

बता दें कि 6 फरवरी से फाल्गुन मास शुरू हो चुका है और इस महीने के आखिरी दिन होलिका दहन किया जाता है। इससे आठ दिन पहले होलाष्टक प्रारम्भ होते है और होलिका दहन के साथ होलाष्टक समाप्त होते है। दरअसल, होलाष्‍टक के 8 दिनों के दौरान राजा हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका के साथ मिलकर अपने पुत्र प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करने के लिए कठोर कष्ट दिए थे. उसने आखिरी दिन प्रहलाद को जलाकर मारने की कोशिश भी की थी. इसलिए इन आठ दिनों कोई शुभ और मांगलिक कार्य नही किए जाते है। होलाष्टक के दिनों में ज्यादा से ज्यादा समय भगवान की भक्ति में लगाते है और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से हर तरह के रोग से छुटकारा मिल जाता है।

होलाष्टक के दिनों में न करें ये काम

– होलाष्‍टक के दौरान विवाह, मुंडन समेत कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
– इस दौरान घर-गाड़ी, सोना खरीदने भी अशुभ माना जाता है.
– नवविवाहिता को सुसराल में पहली होली देखने की भी मनाही की गई है.
– होलाष्‍टक के दौरान किसी परिजन की मृत्‍यु हो जाए तो उसकी आत्‍मा की शांति के लिए विशेष अनुष्‍ठान कराने चाहिए.
– इन दिनों में कोई नया काम-व्‍यापार भी शुरू नहीं करना चाहिए।

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