एसआरएमएस रिद्धिमा में तीसरे थिएटर फेस्टिवल “इंद्रधनुष” के दूसरे दिन “लाल किले का आखिरी मुकदमा” नाटक का मंचन
बरेली ,27 अक्टूबर। तीसरे थिएटर फेस्टिवल “इंद्रधनुष” के दूसरे दिन कल श्रीराममूर्ति स्मारक रिद्धिमा के सभागार में पैरोट्स ट्रूप्स नई दिल्ली की ओर से “लाल किले का आखिरी मुकदमा” नाटक का मंचन हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में यूबी एरिया बरेली के मेजर जनरल जे. देबनाथ मौजूद रहे। श्रीराममूर्ति स्मारक ट्रस्ट के संस्थापक और चेयरमैन देव मूर्ति जी, आदित्य मूर्ति जी, डा. एमएस बुटोला के साथ उन्होंने दीप प्रज्वलन किया।
मृणाल माथुर द्वारा लिखित एवं डा. एम सईद आलम निर्देशित प्रसिद्ध आईएनए (आजाद हिंद फौज) परीक्षणों 1945- 46 से संबंधित इस नाटक “लाल किले का आखिरी मुकदमा” में तीन विचाराधीन कैदियों- मेजर जनरल शाहनवाज खान, कर्नल जीएस ढिल्लों और लेफ्टिनेंट कर्नल पीके सहगल पर देशद्रोह के आरोप में मुकदमा चल रहा है। ये तीनों अपनी कोठरी में बैठे हुए दिखाये जाते हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी के इन तीनों सदस्यों पर अंग्रेजों ने देशद्रोह का आरोप लगाया है। मुकदमे की सुनवाई लाल किले में हुई। धीरे- धीरे लोगों को जब मुकदमे के बारे में पता लगा तो इसके खिलाफ आंदोलन भी होने लगा। भूला भाई देसाई इनके वकील हैं, जो बीच- बीच में चीजें भूल जाते हैं। नाटक में उनके द्वारा किए गए उत्साही बचाव पर भी प्रकाश डाला गया। दोनों पक्षों के वकीलों की अंतिम बहस के बाद नाटक समाप्त हो जाता है। नाटक में तनुल भारतीय (सुभाष चंद्र बोस), मृणाल माथुर (भूला भाई देसाई) यश मल्होत्रा (कर्नल पी.के सहगल), रोहित सोनी (कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लों) और डा. एम सईद आलम (जनरल शाहनवाज खान) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नाटक में लाइट एवं संगीत की जिम्मेदारी प्रिंस कुमार ने उठाई। सेट डिजाइनिंग सुरभि कनोजिया ने की। इस मौके पर आशा मूर्ति जी, ऋचा मूर्ति जी, उषा गुप्ता जी, सुभाष मेहरा, डा.एमएस बुटोला, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार, डा. एलएस मौर्या, डा. रीता शर्मा, राम अवतार आहूजा सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे।
बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट