कनाडा के पीएम ने नाज़ियों की ओर से लड़ने वाले व्यक्ति के लिए संसद में स्‍टैंडिंग ओवेशन पर खेद जताया

ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूक्रेन की आजादी के लिए नाजियों की तरफ से लड़ने वाले एक व्यक्ति को कनाडाई संसद द्वारा अनजाने में स्‍टैंडिंग ओवेशन पर खेद व्यक्त किया है। कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए ट्रूडो ने इस घटना को बेहद परेशान करने वाला बताया। ट्रूडो ने संवाददाताओं से कहा, “स्पीकर ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और माफी मांगी है,” लेकिन यह कुछ ऐसा है जो कनाडा की संसद और सभी कनाडाई लोगों के लिए बेहद शर्मनाक है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को कनाडा की अपनी यात्रा दौरान हाउस ऑफ कॉमन्स को संबोधित किया था। इसके बाद संसद में 98 वर्षीय यूक्रेनी-कनाडाई यारोस्लाव हुंका को विशेष सम्मान दिया था। दो दिन बाद यह सुर्खियों में आया कि वह व्यक्ति वास्तव में यूक्रेनी स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाली नाज़ी इकाई का हिस्सा था।

स्पीकर एंथनी रोटा ने शुक्रवार को अपने संसदीय भाषण में हुंका की सराहना करते हुए उन्हें “द्वितीय विश्व युद्ध का एक यूक्रेनी-कनाडाई युद्धवीर बताया था, जिसने रूसियों के खिलाफ यूक्रेनी स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी” और “एक यूक्रेनी नायक और एक कनाडाई नायक” कहा था। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस खुलासे के बाद पूर्व यूक्रेनी सैनिक को निमंत्रण देने के लिए रोटा को पद से हटने की मांग बढ़ रही है।

अपने खिलाफ बढ़ते गुस्से के बीच स्पीकर ने सोमवार को संसद शुरू होते ही कनाडाई सांसदों से माफी मांगी। रोटा ने कहा कि ज़ेलेंस्की की टिप्पणियों के बाद उन्हें व्यक्तिगत रूप से हुंका को आमंत्रित करने और उसे महत्‍व देने का अफसोस है। उन्होंने कहा, “मुझे गहरा खेद है कि मैंने अपने हाव-भाव और टिप्पणियों से कई लोगों को ठेस पहुंचाई।” “यह पहल पूरी तरह से मेरी अपनी थी।” उन्होंने कहा, “मैं वास्तव में आपको बताना चाहता हूं कि इरादा इस सदन को शर्मिंदा करने का नहीं था।”

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