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जानें अडानी सहित कितनी कंपनियों की लुटिया डुबो चुका है हिंडनबर्ग!, खुद कैसे कमाता है अरबों डॉलर

नई दिल्ली। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद एशिया के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रहीं है। कभी दुनिया के दूसरे सबसे बड़े धनकुबेर रहे अडानी अब विश्व के अमीरों की सूची में 21वें स्थान पर खिसक गए हैं। Bloomberg Billionaires Index के अनुसार, गौतम अडानी की नेटवर्थ में आई गिरावट के कारण अब वे अरबपतियों की सूची में खिसककर 21वें स्थान पर पहुंच गए हैं। उनकी कुल संपत्ति घटकर 61.3 अरब डॉलर रह गई है और पिछले 24 घंटे में उन्हें 10.7 अरब डॉलर का नुकसान झेलना पड़ा है। ये सब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का ही नतीजा है, जो अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर लगातार गोते खा रहे हैं।

दरअसल, हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को लेकर बड़े खुलासे किए है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अडानी ग्रुप के शेयर ओवरप्राइसड है। यही नहीं हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के खातों में गड़बड़ी को लेकर भी संगीन इल्जाम लगाए है। इस खुलासे के बाद अडानी समूह के शेयरों में बिकवाली तेज हो गई है। अडानी समूह के शेयर लगातार लुढ़कते जा रहे है और मार्केट कैप में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। एक रिपोर्ट ने अडानी के मार्केट कैप से 5.5 लाख करोड़ रुपए साफ़ कर दिए हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहा है कि अडानी की लुटिया डुबानी वाली उस अमेरिकी कंपनी की कमाई कैसे होती है? हिंडनबर्ग की कमाई का क्या है? कैसे एक रिपोर्ट से हिंडनबर्ग अरबों की कमाई कर लेता है?

बता दें कि, हिंडनबर्ग एक शॉर्ट सेलिंग कंपनी होने के साथ ही एक इंवेस्टमेंट कंपनी भी है। कंपनी की प्रोफाइल के अनुसार, ये रिसर्च फर्म एक एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर है। अब शॉर्ट सेलर कंपनी को समझने के लिए आपको पहले शॉर्ट सेलिंग को समझना होगा। दरअसल, किसी शेयर को कम कीमत में खरीदकर उसके भाव चढ़ने पर उसे बढ़ी हुई कीमतों पर बेचने को शेयर बाजार में कमाई का हिट फॉर्मूला माना जाता है। कारोबार जगत में इसे लॉग पोजिशन कहा जाता हैं। ये तरीका निवेशक उस समय अपनाते है, जब बाजार चढ़ने की उम्मीद होती है।

इसके विपरीत जब मंदी या किसी कंपनी के शेयर में गिरावट आने की आशंका होती है, तो शॉर्ट पोजिशन का तरीका अपनाया जाता है। यानी जब निवेशक को लगता है कि आने वाले दिनों में इस कंपनी के शेयर की कीमतें गिरेंगी और उससे लाभ होगा, तो वो शॉर्ट सेलिंग का तरीका अपनाते हैं। अब जो एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर होते हैं, वो निवेशकों को लगातार समझाने का प्रयास करते हैं कि कंपनी ओवरवैल्यूड या कर्ज में डूबी हुई है। जिस कंपनी को शॉर्ट सेलर ‘टारगेट’ करते हैं, उसके संबंध में बार-बार कर्ज और ओवर प्राइसिंग या गड़बड़ी की संभावना जाहिर करते रहते हैं। कई दफा उस कंपनी के शेयर धड़ाम हो जाते हैं और इसका लाभ इन शॉर्ट सेलिंग कंपनियों को होता है।

हिंडनबर्ग भी ऐसी ही एक कंपनी है और उसकी कमाई भी इसी प्रकार से होती है। अब हिंडनबर्ग ने भी मुनाफा बटोरने के लिए अमेरिका में अडानी कंपनी के बॉन्ड की शॉर्ट पोजिशन ले ली है और इसके संबंध में उन्होंने खुद जानकारी दी है। हिंडनबर्ग ने अडानी के शेयरों की शॉर्ट पोजिशन लेने के बाद अडानी ग्रुप पर रिपोर्ट जारी की है। इसे समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए किसी शॉर्ट सेलर को उम्मीद है कि किसी शेयर की कीमतें गिरने वाली हैं, तो वह ब्रोकर से शेयर उधार लेकर इसे अन्य निवेशकों को बेच देगा। इस महंगे और सस्ते के बीच का प्रॉफिट शॉर्ट सेलर को मिलेगा। इसी प्रकार हिंडनबर्ग अब अडानी ग्रुप के गिरते शेयरों से मुनाफा बटोरने की तैयारी में है।

बता दें कि, अडानी पहली कंपनी नहीं है, जिसके लिए हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट जारी की है। इससे पहले भी हिंडनबर्ग कई दिग्गज कंपनियों के खिलाफ इस तरह की रिपोर्ट्स जारी कर चुका है। ये कंपनी किसी भी कंपनी को लक्षित करके पहले उसमें गड़बड़ियां खोजती है, फिर उसकी रिपोर्ट जारी करती है। इस रिपोर्ट की वजह से जब उस कंपनी के शेयर गिरने लग जाते हैं, तो हिंडनबर्ग उसे खरीदकर मुनाफा कमाती है। बता दें कि, हिंडनबर्ग के रिपोर्ट की वजह से अडानी के शेयर 25 फीसदी तक लुढ़क चुके हैं।

अडानी ग्रुप की निगेटिव रिपोर्ट से पहले भी हिंडनबर्ग कई कंपनियों की लुटिया डूबा चुका है। वर्ष 2020 में हिंडनबर्ग ने लगभग 16 रिपोर्ट जारी किए थे। उसकी इन रिपोर्ट की वजह से कंपनियों के शेयरों में औसत तौर पर 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हिंडनबर्ग ने Nikola, SCWORX , Genius Brand, Ideanomic, विंस फाइनेंस, जीनियस ब्रांड्स, SC Wrox, एचएफ फूड, ब्लूम एनर्जी, Aphria, ट्विटर इंक जैसी कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट जारी की थी और अपना मुनाफा कमाया था।