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जेलेंस्की ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, रूस से युद्ध के बीच भारत से लगाई यह गुहार

नई दिल्ली. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम से अतिरिक्त मानवीय सहायता भेजने का अनुरोध किया है। यह अनुरोध ऐसे समय में सामने आया है जब यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा चार दिन की भारत यात्रा पर आई हुई हैं।

राष्ट्रपति जेलेंस्की का पीएम मोदी को संबोधित एक पत्र यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमीन झापरोवा ने कल विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी को सौंपा था। इस पत्र में यूक्रेन ने दवाओं और चिकित्सा उपकरणों सहित अतिरिक्त मानवीय आपूर्ति का अनुरोध किया है। इस पर लेखी ने ट्वीट कर यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजने का आश्वासन दिया है। बता दें, सोमवार को यूक्रेनी मंत्री ने कहा था कि कीव चाहता है कि भारत रूस के साथ चल युद्ध को सुलझाने में मदद करे।

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक बयान में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि यूक्रेनी मंत्री ने यह भी प्रस्ताव दिया कि यूक्रेन में बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण भारतीय कंपनियों के लिए एक अवसर हो सकता है।

गौरतलब है, यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा चार दिन की भारत यात्रा पर आई हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद यह पहली बार है जब कोई यूक्रेनी नेता भारत के दौरे पर है। इससे पहले, उन्होंने एक बयान में भारत की तारीफ में कसीदे पढ़े थे। उन्होंने कहा था कि यूक्रेन का समर्थन करना ही सच्चे विश्वगुरु के लिए एकलौता सही विकल्प है। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा, विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात की थी। नेताओं से मुलाकात के बाद झापरोवा एक थिंक टैंक के कार्यक्रम को संबोधित किया।

इस दौरान उन्होंने कहा कि यूक्रेन भारत के साथ करीबी और गहरे संबंध चाहता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोई भी आक्रामकता जो किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल उठा सकती है, बहुत बड़ी चिंता का विषय है। भारत को ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए। वहीं पाकिस्तान को लेकर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ यूक्रेन के संबंध भारत के हितों के खिलाफ नहीं हैं।

अपने संबोधन के दौरान यूक्रेन की उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा ने कहा कि यूक्रेन भारत के साथ करीबी और गहरे संबंध चाहता है। आईसीडब्ल्यूए में उन्होंने कहा कि मैं यहां एक बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश के साथ आई हूं कि यूक्रेन वास्तव में चाहता है कि भारत और यूक्रेन करीब आएं। हमारे इतिहास में अलग-अलग पृष्ठ हैं। बावजूद इसके हम एक नया अध्याय शुरू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें कीव में भारतीय नेताओं और अधिकारियों का स्वागत करने में भी खुशी होगी।

पिछले साल 24 फरवरी को रूस की तरफ से हमला शुरू होने के बाद भारत आने वाली यूक्रेन की पहली नेता झपारोवा ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन आने का न्योता पहले से ही दिया गया है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी भारतीय प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि हम भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं। झपारोवा ने कहा, हम अपने देश में पीएम मोदी का स्वागत करने लेकर उत्सुक हैं।

बता दें कि रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक मंचों पर कह चुके हैं कि यह दौर जंग का नहीं है। इस जंग का असर पूरी दुनिया पर देखने को मिला है। खासकर वैश्विक आपूर्ति चेन बाधित हाेने से वैश्विक कारोबार प्रभावित हुआ है।

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