ज्यादा पानी पीने की आदत पहुंचा सकती है कोमा में, पहले मिलते हैं ये संकेत, 24 घंटे में चाहिए सिर्फ इतना पानी

नई दिल्ली. हमारे शरीर के बहुत बड़े हिस्से में सिर्फ पानी है। यह डिहाइड्रेशन से बचाने और शारीरिक तापमान को कंट्रोल करने का कार्य करता है। इसलिए गर्मियों में पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन इस दौरान ज्यादा पानी पीने से भी बचना चाहिए।

हेल्थ कोच और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रियंका शेरावत ने बताया कि हर दिन कितना पानी पीने की जरूरत होती है। ताकि इसके किसी भी साइड इफेक्ट से बचा जा सके। आइए जानते हैं कि प्यास कैसे लगती है और ज्यादा पानी पीने की आदत कितनी खतरनाक हो सकती है।

डॉ. प्रियंका ने बताया कि दिमाग में एक थ्रस्ट सेंटर होता है। जब भी शरीर में पानी का लेवल कम होता है, तो कुछ पेपटाइड का स्राव होता है। जो थ्रस्ट सेंटर को सिग्नल देते हैं कि बॉडी को पानी की जरूरत है और आपको प्यास लगने लगती है।

बिना प्यास के पानी पीने की आदत साइकोजेनिक पॉलीडिप्सिया कहलाती है। डॉ. प्रियंका के अनुसार, इसमें व्यक्ति हर 2-5 मिनट में बिना प्यास के भी वाटर इनटेक जारी रखता है। यह शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है और बॉडी में फ्लूइड लेवल ज्यादा हो जाता है।

शरीर में पानी ज्यादा होने पर सोडियम लेवल नीचे गिर जाता है। इससे सेल्स में ज्यादा पानी पहुंचता है और सूजन आ जाती है। यह स्थिति हाइपोनेट्रिमिया कहलाती है, जो खासतौर से दिमाग के लिए नुकसानदायक होती है और व्यक्ति कोमा में पहुंच सकता है।

हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण
हाइपोनेट्रिमिया के लक्षण
जी मिचलाना या उल्टी आना
सिरदर्द या थकावट
लो ब्लड प्रेशर
एनर्जी की कमी
मसल्स में कमजोरी या क्रैम्प
बेचैनी या गुस्सा आना

डॉक्टर प्रियंका शेरावत ने एक दिन में जरूरी पानी की मात्रा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 24 घंटे के अंदर 2 से 3 लीटर पानी पीना काफी होता है। अगर आपको इसके बारे में कोई शंका है तो अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

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