दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के फ्लाईओवर पर आई दरार, जांच को 4 सदस्यीय समिति गठित; 4 मही

नई दिल्ली: हरियाणा में फिरोजपुर झिरका के अंतर्गत गांव महूं से गुजर रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के फ्लाईओवर की सड़क पर आई दरार ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की चिंताएं बढ़ा दी हैं। आज से इस दरार के कारण की जांच की जाएगी। इसको लेकर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की है। पुल के धंसने के कारणों की जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में उच्चाधिकारियों को सौंपेगी।

अधिकारियों का कहना है कि जांच में लापरवाही सामने आने पर संबंधित कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि एक्सप्रेसवे महूं गांव से होकर गुजर रहा है। बुधवार को स्थानीय लोगों ने देखा कि एक्सप्रेसवे के फ्लाईओवर का लेंटर टूट रहा है। भरभराकर गिर रहे प्लास्टर को देखकर आसपास के लोग डर गए। लोगों ने कहा कि अगर जल्द इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लोग एक्सप्रेसवे बनाने वाले कांट्रैक्टर को कोसते नजर आए। साथ ही उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। आरोप है कि ठेकेदार द्वारा महूं गांव के पुल में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया है, जिससे फ्लाईओवर का लेंटर टूट रहा है। महूं निवासी जुबेर सरपंच, खैरुद्दीन, शगीर, शहाबुद्दीन का आरोप है कि ठेकेदारों ने मोटी कमाई करने के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि फ्लाईओवर के नीचे से गुजरते वक्त उनमें हादसे की आशंका बनी रहती है।

दो माह में दूसरी बार फ्लाईओवर से गिरा प्लास्टर
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस फ्लाईओवर से पिछले अप्रैल भी प्लास्टर गिरने का मामला सामने आया था। लोगों ने इस बाबत पुलिस को जानकारी दी थी। फिर पुलिस के माध्यम से जानकारी मिलने के बाद एनएचएआई द्वारा वहां मरम्मत कार्य किया गया। लोगों का कहना है कि फ्लाईओवर से झड़ रहे प्लास्टर से दर्जनों गांवों की चिंता बढ़ गई है।

डायवर्जन किया गया
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को क्षतिग्रस्त फ्लाईओवर का अधिकारियों ने निरीक्षण किया। इस दौरान विभिन्न पहलुओं से जायजा लिया गया। इसके बाद क्षतिग्रस्त वाली जगह पर वाहनों के आवागमन को रोक दिया गया है। उसके बगल से डायवर्जन निकाला गया है।

फरवरी में हुआ था उद्घाटन
एक लाख करोड़ रुपये की लागत से बने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्धाटन इसी साल फरवरी में हुआ था। उस दौरान बताया गया था कि इस मार्ग से दिल्ली से मुंबई की दूसरी काफी कम हो जाएगी। लोगों को दिल्ली से मुंबई के अलावा राजस्थान व अन्य शहर में पहुंचना आसान होगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का सफर काफी सुहाना होगा। सड़क की बनावट को मजबूत होने का दावा किया जा रहा था। मुकेश कुमार मीणा (प्रोजेक्टर डायरेक्टर, एनएचएआई) ने कहा, ”शुक्रवार को फ्लाईओवर का निरीक्षण कर इसकी जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। शनिवार से मामले की जांच शुरू कर दी जाएगी। जांच में खामियां मिलने पर संबंधित कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ कार्रवाई होगी। क्षतिग्रस्त वाली जगह से वाहनों के आवागमन पर रोक लगाई है।”

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