दिहाड़ी मजदूर का बेटा US में करेगा भारत का प्रतिनिधित्व, पढ़े सफलता की पूरी कहानी

पटना। बिहार के गौतम कुमार को अमेरिका के कैलिफोर्निया में 2023 हैनसेन लीडरशिप प्रोग्राम के लिए दुनिया के 20 युवाओं में चुना गया है. इस कार्यक्रम के लिए चुने गए एकमात्र भारतीय हैं. मसौढ़ी के रहने वाले गौतम एक गरीब परिवार से आते हैं. उनके संजय मांझी एक दिहाड़ी मजदूर और टोला सेवक के रूप में काम करते हैं. उनकी मां लगनी देवी गृहिणी हैं. वह अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं जिसने हाई स्कूल पास किया और कॉलेज में दाखिला लिया.

इस प्रोग्राम के तहत गौतम को पूर्ण छात्रवृत्ति मिली है. उनके आने-जाने का हवाई किराया, रहने और खाने की व्यवस्था, लोकल ट्रांसपोर्ट, समते तमात खर्च हैनसेन उठाएगा.

कैलिफोर्निया के यूनिवर्सिटी ऑफ सैन डिएगो में स्थित हैनसेन लीडरशिप प्रोग्राम विश्व शांति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर के कुछ प्रेरणादायी युवाओं का चुनाव कर उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है.

गौतम को राष्ट्रीय संगठन डेक्स्टेरिटी ग्लोबल द्वारा प्रशिक्षित किया गया है. डेक्सटेरिटी ग्लोबल एक राष्ट्रीय संगठन है जो शैक्षणिक अवसरों और प्रशिक्षण के माध्यम से भारत एवं विश्व के लिए नेतृत्व की अगली पीढ़ी तैयार करने में कार्यरत है.

गौतम ने डेक्सटेरिटी ग्लोबल के नेतृत्व विकास कार्यक्रम डेक्सस्कूल और करियर विकास कार्यक्रम डेक्सटेरिटी टू कॉलेज में प्रशिक्षण प्राप्त किया. दो वर्ष पहले उनका डेक्सटेरिटी टू कॉलेज फेलो के रूप में पूर्ण छात्रवृत्ति पर अशोका यूनिवर्सिटी में सलेक्शन हुआ था. वह वर्तमान में कंप्यूटर साइंस के सेकेंड ईयर के स्टूडेंट हैं.

डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक ने शरद विवेक सागर ने ट्वीट किया, ‘15 साल पहले से हमारे सपनों में, हमने यह देखा! मसौढ़ी के एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे को कैलिफोर्निया में 2023 हैनसेन लीडरशिप प्रोग्राम के लिए दुनिया के 20 युवा लीडर्स में चुना गया. गौतम, एक गौरवान्वित डेक्सस्कूल स्नातक, चयनित एकमात्र भारतीय है.‘

हैनसेन लीडरशिप प्रोग्राम के चुने जाने पर गौतम ने कहा, ‘मैं इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने, सीखने, आगे बढ़ने और सामाज में सकारात्मक प्रभाव लाने के लिए दृढ़ संकल्पित हूं. मैं भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए उत्साहित हूं, और मैं दुनिया में बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हूं.’ उन्होंने डेक्सटेरिटी ग्लोबल संगठन का आभार प्रकट करते हुए कहा, ‘डेक्सटेरिटी ने मेरे जैसे बच्चों को बाधाओं को तोड़कर नेतृत्व की शक्ति प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.’

 

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