दुश्मनो का काल बनेगी स्वदेशी असॉल्ट राइफल उग्रम, आधा किलोमीटर से दुश्मन होगा ढेर, जाने राइफल की अन्य खासियत
नई दिल्ली। देश के दुश्मनों के लिएडीआरडीओ ने नए काल को विकसित किया है और वह भी महज सौ दिनों के अंदर, जी हां डीआरडीओ ने भारतीय सेना, पैरामिलिट्री फोर्स और स्टेट पुलिस के लिए नई घातक, सटीक और खतरनाक मारक क्षमता वाली असॉल्ट राइफल उग्रम बनाई है. यह राइफल पूरी तरह से स्वदेशी है. यह 7.62x51mm कैलिबर की राइफल है जिसको डीआरडीओ ने बनाने में एक भारतीय निजी कंपनी की मदद ली है.
भारत में लंबे समय से असॉल्ट राइफल की कमी को पूरा करने के लिए डीआरडीओ प्रयास में लगा है. इसी बीच डीआरडीओ ने स्वदेशी असॉल्ट राइफल उग्रम को तैयार किया है जो काफी घातक और खतरनाक मारक क्षमता वाली असॉल्ट राइफल है. इस राइफल को भारतीय सेना, सशस्त्र बलों अर्धसैनिक बलों और राज्य की पुलिस की जरूरतों को ध्यान में रख कर डिजाइन किया गया है. राइफल की रेंज 500 मीटर है, और उससे भी बड़ी बात इस राइफल को महज 100 दिनों के भीतर तैयार किया गया है. दिसंबर में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय सेना और सशस्त्र बलों के लिए इसी कैलिबर की 70,000 यूएस-निर्मित एसआईजी सॉयर असॉल्ट राइफल की खरीद के लिए भी मंजूरी दे दी थी.
उग्रम 7.62x51mm कैलिबर की राइफल है. राइफल में 20 राउंड मैगजीन लोड किया जा सकता है. यह सिंगल और फुल ऑटो दोनों मोड में फायर कर सकती है. उग्रम को भारतीय सेना के जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स के आधार पर डिजाइन किया गया है. इसका वजन चार किलोग्राम से कम है, यानी यह काफी हल्की और बहतरीन मारक क्षमता की राइफल है. साथ ही मेक इन इंडिया स्कीम के तहत बनी इस राइफल को डीआरडीओ की पुणे स्थित सुविधा आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट यानी IRDI ने हैदराबाद स्थित डीवीपा आर्मर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर तैयार किया है. अगर एके सीरीज या AR टाइप राइफलों से तुलना करें तो इसकी डिजाइन रिवेट फ्री है. रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध के चलते अब AK-47 राइफलों का आयात नहीं हो रहा है. इसलिए यह राइफल बनाने की जरूरत पड़ी.