मीडिया प्रतिनिधियों से रुबरू हुए एनटीपीसी रिहंद के परियोजना प्रमुख संजीव कुमार

सोनभद्र,एनटीपीसी के रिहंद सुपर पावर स्टेशन के शिवालिक अतिथि गृह में स्टेशन प्रबंधन के संयोजन में मीडिया प्रतिनिधियों के साथ मुख्य महाप्रबंधक (रिहंद) की वार्ता हर्ष एवं सौहार्द के वातावरण में सम्पन्न हुई। आयोजन में मुख्य महाप्रबंधक (रिहंद) श्री संजीव कुमार ने मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब बड़े ही सहजता एवं तार्किक ढंग से देते हुये कहा कि रिहंद स्टेशन के कर्मियों एवं अधिकारियों में विषम से विषम परिस्थितियों में भी चुनौती स्वीकार कर सफ़लता प्राप्त करने की क्षमता है। उन्होने कहा कि यह स्टेशन 500 मेगावाट से शुरू होकर आज 3000 मेगावाट उत्पादन की क्षमता वाला विशाल स्टेशन बन गया है। एनटीपीसी रिहंद ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में अक्टूबर 2023 तक 13635 एमयू उत्पादन 90.61% पीएलएफ़ पर किया है।
देश में सयंत्रों से बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए एनटीपीसी रिहंद नें एक अभिनव पहल करते हुये संयंत्र से उत्सर्जित सल्फर डाइऑक्साइड को वायुमंडल में न जाने देने के लिए एफ़जीडी की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। परियोजना प्रमुख श्री संजीव कुमार नें रिहंद की गतिविधियों, संयंत्र की उपलब्धियों एवं सीएसआर तथा सामाजिक गतिविधियों के बारें में विस्तार से जानकारी दी। श्री संजीव कुमार नें बताया कि रिहंद उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक उत्पादन क्षमता वाला विद्युत संयंत्र है, जहां कोयला द्वारा बिजली का कुल 3000 मेगावाट विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है। श्री संजीव ने बताया कि रिहंद विद्युत उत्पादन के साथ-साथ 90.61% पीएलएफ़, उपलब्धता पर भी अपना सर्वश्रेष्ठ स्थान बनाए हुये है। पर्यावरण प्रदूषण को रोकने एवं पर्यावरण को संरक्षित करने के प्रयासों की चर्चा करते हुये परियोजना प्रमुख नें बताया कि रिहंद पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरी तरह समर्पित है और पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए रिहंद द्वारा अब तक मियावाकी पद्धति से 18500 से अधिक पौधरोपण किया जा चुका है, जिससे संयंत्र क्षेत्र तथा आस-पास के क्षेत्रों में में हरियाली व्याप्त है।
वैकल्पिक ऊर्जा सोलर के क्षेत्र में मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि एनटीपीसी रिहंद में लगभग 96 करोड़ की लागत से 20 मेगा वाट सोलर संयंत्र की स्थापना का कार्य भी प्रगति पर है जिसे अगले वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा।
संयंत्र से उत्सर्जित फ़्लाइ ऐश के उपयोग को चुनौती बताते हुये परियोजना प्रमुख ने कहा कि ऊर्जा संयंत्रों के लिए फ़्लाइ ऐश की शत-प्रतिशत उपयोगिता का लक्ष्य बनाते हुये उत्सर्जित राख़ का 71.39% प्रतिशत विभिन्न स्थानो में जैसे-सीमेंट उद्योग, राष्ट्रीय निर्माण कार्यों सहित ऐश ब्रीक्स में उपयोग कर रहा है।
परियोजना प्रमुख ने सीएसआर गतिविधियों की भी विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि रिहंद ग्रामीणो एवं विस्थापितों के जनकल्याण के लिए समर्पित है । रिहंद ग्रामीणों एवं विस्थापितों को बुनियादी सुविधाएं स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सड़क, सामुदायिक भवन के लिए संकल्पित है, जिससे ग्रामीणों एवं विस्थापितों को इसका लाभ मिल सके। उन्होने यह भी कहा कि एनटीपीसी रिहंद द्वारा सेवाकुंज आश्रम, चपकी में अध्ययनरत जनजातीय छात्रों को तीरंदाजी का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिसमें से कुछ बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहरा रहे हैं।
इसके पूर्व वरिष्ठ प्रबन्धक (पी एंड एस) श्री के कार्तिक द्वारा पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से एनटीपीसी रिहंद के परफ़ोर्मेंस एवं उपलब्धियों की जानकारी दी।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से सोनभद्र के मुख्यालय रावर्ट्सगंज, रेनूकूट,बीजपुर,अनपरा , सिंगरौली एवं वैढ़न आदि स्थानों के मीडिया प्रतिनिधिगण,महाप्रबंधक (ओ एंड एम) श्री पंकज मेदिरत्ता, महाप्रबंधक (परियोजना) श्री पी बी परांजपे, महाप्रबंधक (अनुरक्षण) श्री आर.एन सिन्हा, महाप्रबंधक (प्रचालन) श्री एस के श्रीवास्तव, महाप्रबंधक (एडीएम) श्री एस एस प्रधान, अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्री जाकिर खान, वरिष्ठ प्रबन्धक (ईएमजी) श्री राघवेंद्र नारायण) आदि उपस्थित रहे और उनमें से कुछ ने आवश्यकतानुसार परियोजना प्रमुख के सहयोग में पत्रकारों के सवालों का जवाब भी दिया।

रवीन्द्र केसरी सोनभद्र

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