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पुरुष या महिला, दिल का दौरा पड़ने की संभावना किसमें अधिक? अध्ययन में चौंकाने वाला बड़ा खुलासा

नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा शेयर की गई जानकारी के अनुसार, हर साल करीब 18 मिलियन (1.8 करोड़) लोग दिल की बीमारी जैसे कोरोनरी हृदय रोग, सिरदर्द रोग, रेवमेटिक हृदय रोग और अन्य स्थितियों के कारण जान गवा देते हैं. कई शोधकर्ता ने रोगों की प्रकृति, इसकी शुरुआत कैसे होता है और लोगों में कैसे प्रगति करता है, इन सब पर अग्रिम उपचार और डायग्नोस को बढ़ाने के लिए काम किया है.

हाल ही में हुए एक नए अध्ययन में पाया गया है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में हार्ट अटैक से मरने का खतरा दोगुना होता है. 884 रोगियों का अध्ययन किया गया था, जिनमें से 27% महिलाएं थीं. यह अध्ययन पुर्तगाल का था और यह यूरोपियन कार्डियोलॉजी साइंटिफिक कांग्रेस ‘हार्ट फेल्योर 2023’ में प्रस्तुत किया गया था. शोध के लिए, एसटी सेगमेंट एलिवेशन मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एसटीईएमआई) वाले 884 मरीजों का अध्ययन किया गया, जो हार्ट अटैक के सबसे गंभीर प्रकारों में से एक है. एसटीईएमआई के मामले में कोरोनरी धमनी 100% ब्लॉक हो जाती है और इससे दिल की खून आपूर्ति लंबी अवधि के लिए बंद हो जाती है. जिन रोगियों पर शोध के उद्देश्य से अध्ययन किया गया था, उनके लक्षणों के 48 घंटों के भीतर एंजियोप्लास्टी की गई थी.

अध्ययन में पाया गया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हार्ट अटैक से मरने की संभावना 2.8 गुना अधिक थी. प्रतिभागियों में महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और स्ट्रोक था जबकि पुरुषों में धूम्रपान करने वालों की संभावना अधिक थी और उन्हें कोरोनरी धमनी की बीमारी थी. शोधकर्ताओं ने पाया कि 30 दिनों के बाद, 4.6 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 11.8 प्रतिशत महिलाओं ने दिल का दौरा पड़ने से दम तोड़ दिया. पांच वर्षों के भीतर, 34.2% महिलाओं की मृत्यु हो गई थी.

 

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