भारत के वे वित्त मंत्री जिनको नहीं मिल सका बजट पेश करने का मौका

नई दिल्ली। यह तो लोग जानते ही हैं कि बजट भारत के वित्त मंत्री पेश करते हैं। इस बार का बजट निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2023 को पेश करेंगी। निर्मला सीतारमण का यह चौथा बजट भाषण होगा, जबकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के हर वित्त मंत्री इतने भाग्यशाली नहीं हैं, जिनको बजट पेश करने का मौका मिला हो।

क्षितिज चंद्र नियोगी भारत के दूसरे वित्त मंत्री और पहले वित्त आयोग के अध्यक्ष थे। उन्हे षणमुखम शेट्टी की जगह पर लाया गया था, लेकिन सिर्फ 35 दिन बाद ही उन्होंने इस पद से इस्‍तीफा दे दिया था। नियोगी को 1946 में भारत की संविधान सभा के सदस्य के रूप में भी चुना गया था। वह पंडित नेहरू की पहली कैबिनेट के सदस्‍य भी थे।

हेमवती नंदन बहुगुणा के बजट पेश नहीं करने का कारण भी उनका छोटा कार्यकाल रहा। बहुगुणा 1979 में इंदिरा सरकार के लिए वित्‍त मंत्री बने थे। उनका कार्यकाल साढ़े पांच महीने का था। इस वजह से उन्हें बजट पेश करने का मौका नहीं मिला। वे 1977 में केंद्रीय मंत्रिमण्डल में पेट्रोलियम, रसायन तथा उर्वरक मंत्री रहे थे और दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला।

नारायण दत्त तिवारी भी उन वित्त मंत्रियों की लिस्ट में शामिल है, जो बजट नहीं पेश कर पाए थे। वे तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री बने। वे 1987-88 में वित्त मंत्री बने थे। बाकियों की तरह इनका कार्यकाल छोटा नहीं था, फिर भी उन्हे इसका मौका नहीं मिला, क्योंकि उस साल उनकी जगह तत्‍कालीन प्रधानमंत्री ने बजट पेश किया था।

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