भारत के 10 भुतहा रेलवे स्टेशन, जिनका नाम सुनते ही रूह कांप जाती है

जब कभी भूत प्रेत की चर्चा होती है तो हमारे के दिमाग में सबसे पहले पूराने किलों और इमारतों के बारे में ख्याल आता है लेकिन आज हम इस लेख में भुतहा रेलवे स्टेशनों के बारे में बात करने जा रहे हैं। भारतीय रेलवे का इतिहास 200 साल पुराना है। कई रेलवे स्टेशनों को हॉन्टेड घोषित किया गया है, ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों ने यहां असाधारण गतिविधियां होते हुए देखी हैं। तो चलिए जानते हैं इन में से कुछ भुतहा रेलवे स्टेशनों के बारे में :-

रवीन्द्र सरोबर मेट्रो स्टेशन, पश्चिम बंगाल

कोलकाता में रवीन्द्र सरोबर मेट्रो स्टेशन एक लोकप्रिय स्टेशन है जिसका उपयोग कई यात्रियों द्वारा दैनिक आधार पर किया जाता है। इस मेट्रो स्टेशन को लेकर कई भूतिया कहानियां फेमस हैं। यहां रात साढ़े 10:30 बजे अंतिम मेट्रो चलती है उसके बाद स्टेशन वीरान हो जाता है। कई बार लोगों ने महसूस किया है कि यहां अचानक ही कोई साया ट्रैक के बीच प्रकट होता है और पलक झपकते गायब हो जाता है।

बेगुनकोडोर स्टेशन, पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन भूतिया कहानियों के कारण 42 सालों तक बंद था। साल 1960 में खुले इस स्टेशन पर शाम ढलने के बाद लोग आज भी जाने से डरते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां के स्टेशन मास्टर ने एक रात पटरियों के बीच एक लड़की के साये को देखा था। इसके कुछ दिनों के बाद स्टेशन मास्टर और उसके परिवार की मौत हो गई थी।

उसके बाद लगातार यह औरत सफेद साड़ी पहन स्टेशन पर नाचती ही नजर आती है और जब कोई रेल इस स्टेशन से गुजरती है तो यह आत्मा उसके साथ दौड़ती है इसलिए लोगों ने यहाँ पर आना छोड़ दिया है। रेलवे विभाग ने इस स्टेशन को संवेदनशील मानते हुए बंद कर दिया है और फिर साल 2009 में इसे खोला गया।

द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन, दिल्ली

दिल्ली के द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन के बारे में लोगों का कहना है कि यहां रात को अक्सर ही गाड़ियों के पीछे एक महिला का साया दिखाई देता है। कुछ राहगीरों ने उनके दरवाजे पर दस्तक देने और एक अज्ञात शरीर (संस्था) द्वारा थप्पड़ खाने की शिकायत भी की है। इस असामान्य गतिविधि के कारण कई दुर्घटनाएं भी हुई हैं। यही वजह है कि लोग देर रात इस मेट्रो स्टेशन पर जाने से कांपते हैं।

नैनी रेलवे स्टेशन, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में स्थित नैनी रेलवे स्टेशन के बारे में कहा जाता है कि यहां पर अक्सर रात के समय स्टेशन और रेलवे ट्रैक पर कुछ अजीब सी चीजें देखने को मिलती हैं। ऐसी कहा जाता है कि स्टेशन के पास स्थित नैनी जेल में बहुत सारे फ्रीडम फाइटर्स बंद थे, जिन्हें बहुत टॉर्चर किया जाता था और बाद में उनकी मृत्यु हो गई थी। कहा जाता है कि यहाँ स्वतंत्रता सेनानियों की आत्माएं यहां बसती हैं। आत्माओं को हानिरहित माना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी उपस्थिति महसूस की जा सकती है।

लुधियाना रेलवे स्टेशन, पंजाब

लुधियाना स्टेशन के एक काउंटर के बारे में लोगों का कहना है कि उन्होंने वहां पैरानॉर्मल ऐक्टिविटीज महसूस किया है। ऐसा माना जाता है कि यहां के रिजर्वेशन काउंटर पर एक सुभाष नाम का व्यक्ति बैठता था। वह काम से बेइंतहा प्यार करता था। इसी वजह से उसकी मौत के बाद उस कमरे में जो भी काम करने के लिए गया, उसे बहुत परेशानियों से जूझना पड़ा।

एमजी रोड मेट्रो स्टेशन, गुड़गांव

यह देश का पहला भूतिया मेट्रो स्टेशन है। लोगों का कहना है कि लगभग 40 वर्षीय महिला का बच्चा स्टेशन पर खो गया था और अचानक बच्चे को ढूंढते-ढूंढते यह महिला मेट्रो ट्रेन के नीचे आ गयी थी। तब से इस औरत की आत्मा यहां पर खुले बालों में बदहवास हालत में घूमती हुयी नजर आती है। यात्रियों ने अक्सर इस स्टेशन पर असाधारण गतिविधियों को महसूस किया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस किसी को ये आत्मा दिखती है, उसे सिर्फ मेट्रो ट्रेन के शीशे में ही नजर आती है।

चित्तूर रेलवे स्टेशन, आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश के इस स्टेशन को लेकर भी कई भूतिया कहानियां प्रचलित हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्टेशन पर आरपीएफ और टीटीई ने मिलकर सीआरपीएफ के एक जवान की खूब पिटाई कर दी थी जिससे उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद से उस सीआरपीएफ जवान की आत्मा न्याय के लिए स्टेशन भर भटकती रहती है।

बरोग स्टेशन, शिमला

चीड़ और देवदार के जंगलों से घिरा हुआ बड़ोग हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है। इसकी खूबसूरती किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकती है। बड़ोग रेलवे स्टेशन और सुरंग की कहानी बेहद डरावनी है। बताया जाता है कि इस स्टेशन के पास एक लंबी सुरंग है। जिसके निर्माण के निर्माण दौरान रेलवे के ही एक इंजिनियर ने आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद उसकी आत्मा इस स्टेशन के आसपास भटकती है. बताया जाता है कि कई बार गुफा के अंदर किसी की कराहने की आवाज आती है।

मुलुंड रेलवे स्टेशन, मुंबई

मुंबई के मुलुंड स्टेशन के बारे में भी यात्रियों और स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्हें यहां रात में किसी के चीखने, चिल्लाने और रोने की आवाजें सुनाई देती हैं।
ऐसा भी कहा जाता है कि यहां उन लोगों की आत्माएं हैं, जो रेलवे ट्रैक को पार करते समय किसी हादसे का शिकार हो गए थे।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------
E-Paper