मज़दूरी करने गए थे अरब देश और बन गए वहाँ के सबसे अमीर भारतीय, जानिए कैसे?

हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि के कारण बहुत से पढ़े लिखे लोग भी बेरोजगार भटकते रहते हैं। कई लोगों को तो नौकरी ना मिलने की वज़ह से छोटा मोटा काम या मेहनत मजदूरी करके काम चलाना पड़ता है। रोजगार की खोजने के लिए लाखों भारतीय गल्फ देशों में भी पलायन कर रहे हैं। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में भारतीय लोग अरब जैसे देशों में अच्छा रोजगार पाने के लिए जाते हैं और वहाँ जाकर अधिकतर व्यक्तियों को मजदूरी का काम ही करना पड़ता है।

ऐसे ही एक मज़दूर की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जो पहले अरब देश में एक कंस्ट्रक्शन मज़दूर का काम करने गए, परन्तु आज वहाँ रहने वाले सर्वाधिक अमीर भारतीयों में से एक हैं। हालांकि यह अविश्वसनीय बात लगती है परंतु है बिल्कुल सच! तो चलिए जानते हैं वे मज़दूर से खरबों डॉलर के मालिक कैसे बने…

हम जिनकी बात कर रहे हैं, वे हैं केरल के रहने वाले डॉ के.टी. रबीउल्लाह (Dr Kt Rabeeullah), जो वर्तमान में गल्फ देशों की सबसे बड़ी मेडिकल ग्रुप में से एक, खरबों डॉलर की शिफा-अल-जज़ीरा (Shifa al Jazeera Medical Group) ग्रुप के ओनर हैं। डॉ के.टी. रविउल्लाह केरल में स्थित मल्लापुरम गाँव में एक निर्धन परिवार में जन्मे थे और लगभग 30 वर्षों पूर्व एक मज़दूर के तौर पर नौकरी करने के लिए अरब देश गए। फिर वहाँ पर जाकर 600 डीहराम में बन रही एक इमारत में मज़दूर का काम करने लगे। उस जगह पर नौकरी करते हुए उन्हें लगा कि वहाँ की कठिन जलवायु परिस्थितियों में निरन्तर अत्यंत मेहनत का काम करने के कारण सभी मजदूरों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता था और उनके लिए कोई अच्छे स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराई गई थी। फिर उन्होंने ने इन्हीं कठिनाइयों को हल करने के लिए अपने एक विचार को साकार रूप देने के लिए काम करना शुरू किया। जिसके तहत वह गरीबों को कम पैसों में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ देना चाहते थे।

मजदूरों के लिए खोला छोटा-सा हेल्थ सेंटर
उन्होंने निर्धन व्यक्तियों को कम पैसों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने हेतु मेडिकल समूह खोलने की तैयारी की, परंतु उनका यह लक्ष्य पूरा करना आसान नहीं था क्योंकि इसके लिए काफ़ी पैसों की आवश्यकता थी। फिर भी उन्होंने अपने इरादे मज़बूत रखें और हार नहीं मानी। फिर डॉ के.टी. रविउल्लाह ने अपनी आमदनी का कुछ हिस्सा जमा करने लगे और लगभग 10 वर्षों तक वे ऐसा करते रहे। फिर 10 सालों बात उन्होंने गरीब लोगों के लिए एक छोटा-सा हेल्थ सेंटर खोला। उनके हेल्थ सेंटर में मदद के लिए कुछ डॉक्टर भी आए।

इस प्रकार से गरीब लोगों को कम रुपयों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध होने लगी, जिससे लोग डॉ रविउल्लाह को बहुत पसंद करने लगे। इसके बाद उन्होंने शिफा-अल-जज़ीरा समूह (Shifa al Jazeera Medical Group) के बैनर तले अपनी बेटी नजिहा के साथ एक आधुनिक हॉस्पिटल शुरू किया। अब डॉ रविउल्लाह भविष्य में भारत सहित सारे गल्फ देशों में मेडिकल इंस्टिट्यूशन की भी स्थापना करने की इच्छा रखते हैं और साथ ही एक ऐसा चिकित्सालय भी बनाना चाहते हैं, जो दुनिया की सारी आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त हो। वर्तमान समय में आज शिफा-अल-जज़ीरा समूह (Shifa al Jazeera Medical Group) में 700 युवा डॉक्टर हैं और 10000 से भी अधिक व्यक्ति इसमें सहायता करते हैं। जिससे रोजाना लाखोँ लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं।

डॉ के.टी. रबीउल्लाह (Dr Kt Rabeeullah) की दूरदर्शी सोच की वज़ह से इतना बड़ा लक्ष्य पूरा हो पाया और गरीब लोगों को चिकित्सा सुविधाएँ प्राप्त हुई। इस हेतु उनके प्रयासों और किए गए कार्यों के लिए हम तहे दिल से उनकी सराहना करते हैं।

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