महिला-पुरुषों में इनफर्टिलिटी के 14 कारण, यंग ऐज में ध्यान रखें 5 बातें तो नहीं आएगी ये नौबत

भारत में इनफर्टिलिटी एक तेजी से बढ़ती समस्या बनती जा रही है। जब कोई महिला अपनी या अपने साथ की प्रजनन प्रणाली में समस्या के कारण गर्भधारण नहीं कर पाती है, तो इस स्थिति को इनफर्टिलिटी कहा जाता है। महिला और पुरुष दोनों ही इसकी चपेट में आ रहे हैं। एक आंकड़े के अनुसार, देश में 15 फीसदी लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि यह एक गंभीर समस्या है लेकिन कपल्स इस विषय पर बात करने से घबराते या शर्माते हैं।

आज यानी 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जा रहा है। जाहिर है इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भी यही है कि लोगों को तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए। इनफर्टिलिटी क्या है, इसके क्या कारण हैं और इसे कैसे रोका जा सकता है? ऐसे ही तमाम जरूरी सवालों का जवाब इस ख़ास अवसर पर दिल्ली स्थित नर्चर क्लिनिक में गायनोकॉलोजिस्ट, फर्टिलिटी एंड आईवीएफ एक्सपर्ट डॉक्टर अर्चना धवन बजाज और सीके बिरला अस्पताल में ऑब्स्टट्रिशन गायनोकॉलोजिस्ट और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर अंजली कुमार दे रही हैं।

डॉक्टर अंजली ने बताया कि अगर कोई कपल बिना किसी सुरक्षा के एक साल तक लगातार यौन गतिविधि में शामिल है, बावजूद इसके गर्भधारण नहीं हो रहा है, तो इस समस्या को इनफर्टिलिटी कहा जाता है।

ओवरी का ठीक से काम नहीं करना
फ्लोपियन ट्यूब का सही से काम नहीं करना
यूट्रस का सही नहीं होना
शरीर का हार्मोनल बैलेंस ठीक नहीं होना
फैलोपियन ट्यूब में टीबी होना

पुरुषों में इनफर्टिलिटी के कारण
पुरुषों में इनफर्टिलिटी के कारण
स्पर्म की क्वालिटी खराब होना
स्पर्म काउंट कम होना
स्पर्म की मोटिलिटी कम होना
शरीर का हार्मोनल बैलेंस ठीक नहीं होना
इरेक्शन में कमी
सही समय पर परफॉर्म न कर पाना

स्ट्रेस
ऐसी कोई बीमारी जिससे स्पर्म काउंट कम हो गया हो
कपल्स का काम का समय अलग-अलग होने से एक साथ नहीं हो पाना
स्मोकिंग, शराब, तंबाकू का सेवन

कोरोना वायरस
समय पर शादी और बच्चे की प्लानिंग में देरी
क्या महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले इनफर्टिलिटी की समस्या ज्यादा है?
क्या महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले इनफर्टिलिटी की समस्या ज्यादा है?
डॉक्टर अंजली ने बताया कि ऐसा सही नहीं है। इसके लिए 40 फीसदी महिलाएं, 40 फीसदी पुरुष, 10 फीसदी मामलों में दोनों और 10 फीसदी मामलों के कारण अज्ञात हैं।

इसका सबसे बड़ा और पहला लक्षण शादी के एक बाद भी साल भी प्रेग्नेंट नहीं होना
35 साल से अधिक महिलाओं को एक साल तक इंतजार नहीं करना चाहिए
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण जैसे- पेनफुल पीरियड, हैवी पीरियड, बुखार, पीठ के निचले में दर्द,

दोनों डॉक्टर ने बताया कि इसके इलाज के लिए सबसे जरूरी चीज परिवार और साथी का सपोर्ट है। अलग-अलग स्थिति के आधार पर इलाज सस्ता या महंगा हो सकता है लेकिन इसका इलाज संभव है। हालांकि कई बार आईवीएफ की जरूरत पड़ सकती है। एक बात ध्यान रहे कि अगर आप हेल्दी डाइट ले रहे हैं और देखने में भी हेल्दी एंड फिट हैं, तो जरूरी नहीं है कि आपको यह समस्या न हो। अगर आपको कहीं भी शक हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। सबसे बड़ी बात कि यह समस्या महिला और पुरुष दोनों को हो सकती है इसलिए दोनों की जांच और इलाज जरूरी है।

अगर आपको शादी से पहले से ही पीरियड से जुड़ी कोई समस्या है तो डॉक्टर से जांच कराते रहें
पीसीओ या कम एग रिजर्व जैसी समस्या से फर्टिलिटी की समस्या हो सकती है इसलिए जांच कराएं
यंग ऐज से डाइट का विशेष ध्यान रखें

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