मेडिटेशन को दिनचर्या का नियमित हिस्सा बनाना आवश्यकः डा. बुटोला

बरेली,27 फरवरी । युवाओं को नशा मुक्त कर देश को विकसित करने करने के लिए एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में आज गेस्ट लैक्चर का आयोजन हुआ। इसमें आर्ट ऑफ लिविंग की शिक्षक शमा गुप्ता ने विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने और नशा करने वालों को इसके दुष्परिणामों को बता कर इससे दूर करने की शपथ दिलाई। एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज स्थित ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम में शमा गुप्ता का स्वागत कालेज के प्रिंसिपल एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) डा.एमएस बुटोला ने किया। उन्होंने कहा कि आज ज्यादातर लोग स्ट्रेस और एंजायटी से परेशान हैं। सभी इससे छुटकारा पाकर शांति चाहते हैं, लेकिन ऐसा संभव नहीं होता। क्योंकि वह अपनी अस्त व्यस्त दिनचर्या को नहीं बदल पाते। हालांकि इससे निजात पाना आसान है। बस संकल्प लेने की जरूरत है। और वह संकल्प है खुद को स्वस्थ रखने का। आपका भविष्य कैसा होगा, यह भी इसी संकल्प पर निर्भर करता है। ऐसे में आप आज से ही भविष्य को बेहतर बनाने का प्रयास करें। स्वस्थ रहने के मेडिटेशन, प्राणायाम, सुदर्शन क्रिया और पंचकोश ध्यान जैसी यौगिक क्रियाओं को अपनी दिनचर्या का नियमित हिस्सा बनाएं। इसका संबंध किसी धर्म या संप्रदाय से न होकर शरीर को स्वस्थ रखने के लिए है। कोविड महामारी के दौरान सभी ने इसका प्रभाव देख भी लिया है। जब कार्डियो पल्मोनरी एक्सरसाइज के रूप में सभी लोगों ने इसे अपनाया। इससे फेफड़े और दिल को ताकत मिलती है। मन को स्थिर रखने के साथ पॉजिटिव एनर्जी भी मिलती है। इससे पहले शमा गुप्ता ने विद्यार्थियों को हस्तिका और पंचकोश ध्यान का अभ्यास कराया और खुद नशा मुक्त रहने के साथ दूसरों को भी नशा मुक्त रखने के लिए जागरूक करने शपथ दिलाई। इस मौके पर एमबीबीएस और पैरामेडिकल के विद्यार्थी, ऑफिस सुपरिटेंडेंट विनीत शर्मा और स्टाफ के लोग मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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