यूक्रेन युद्ध से बड़ी सीख, लंबी दूरी के घातक हथियार जमा करेगा भारत; गड़बड़ की तो अंदर तक होगा प्रहार
रूस से युद्ध के दौरान यूक्रेन के पास हथियारों की कमी पड़ गई। वह लंबी दूरी के घातक हथियारों की कमी से जूझ रहा था। काफी मिन्नतों के बाद अमेरिका ने उसे हथियार उपलब्ध करवाए हैं। हालांकि इस युद्ध से भारत ने बड़ा सबक लिया है। पड़ोसी देशों से चुनौती को देखते हुए भारतीय सेना ने घातक और लंबी दूरी के हथियारों को जमा करने का फैसला किया है। सेना अब आधुनिक गन्स, रॉकेट सिस्टम और मिसाइलों की खरीद को बढ़ाने जा रही है। युद्ध के दौरान दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए जिन हथियारों की जरूरत है वे सब कुछ ही समय में भारतीय सेना के पास होंगे।
के मुताबिक 155 एमएम आर्टिलरी गन सिस्टम, लंबी दूरी तक वार करने वाली मिसाइल और रॉकेट सिस्टम, सर्विलांस और टारगेट एक्विजिशन यूनिट, स्वार्म ड्रोन आर आईएसआर, लाइटर मूनिशंस को शामिल करने का प्लान है। सेना का दो बातों पर विशेष जोर है। एक दो ऐसा हथियार हों जिन्हें आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सके। दूसरा लंबी दूरी तक वार करने वाले हथियार हों जो कि जरूरत पड़ने पर सीमा में घुसकर वार करने में भी सक्षम हों।
एक अधिकारी ने बताया, इस समय दुनियाभर के देश लंबी दूरी के हथियारों पर ध्यान दे रहे हैं। इसके अलावा ज्यादा फायर और ज्यादा नुकसान वाले घातक हथियार भी तेजी से सेनाओं में शामिल हो रहे हैं। रूस और यूक्रेन युद्ध के विश्लेषण के बाद हमने रणनीति में बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि 19 महीने से चल रहे युद्ध को देखते हुए कहा जा सकता है कि सेना को लंबी दूरी तक मार करने वाली तोपों, मिसाइलों की जरूरत है। इसके अलावा सेना को आधुनिक बनाने के लिए बड़ी संख्या में ड्रोन भी होने चाहिए।