यूपी सरकार के इस फैसले से इन 7 जगह आएगा प्रॉपर्टी में बूम! इन एक्सप्रेसवे पर है जिनकी जमीन, उनकी होगी चांदी
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार 2 एक्सप्रेसवे के किनारे 7 नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने जा रही है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ बनने वाले इन कॉरिडोर से न केवल प्रदेश में औद्यागिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि जिन जगहों पर ये कॉरिडोर बनेंगे वहां प्रॉपर्टी मार्केट में भी जबरदस्त बूम आने की संभावना है. 7 नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में से 2 बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे होंगे और 5 पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के साथ बनेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
हाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में औद्योगिक विकास विभाग ने इन कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा था. प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दे दी. यूपी सरकार इन कॉरिडोर का निर्माण तेजी से करना चाहती है. इस योजना पर शुरू में 3500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. शुरुआत में हर कॉरिडोर के लिए 500-500 करोड़ रुपये का इंतजाम सरकार करेगी. हर गलियारे के लिए प्रारंभिक चरण में 100-100 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की जाएगी. भविष्य में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के विस्तार की संभावनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से अधिक से अधिक जमीन का इंतजाम करने को कहा गया है.
यूपीडा द्वारा चयनित सलाहकार कंपनी ने लखनऊ से गाजीपुर तक बने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे इंडस्ट्रियल कॉरिडोर्स के लिए 5 स्थल चिन्हित किए हैं. इनमें लखनऊ में कासिमपुर विरूहा, बाराबंकी में बम्हरौली, सुल्तानपुर में कारेबान, आजमगढ़ में खुदचंदा व गाजीपुर में चकजमरिया शामिल है. लखनऊ में इंडस्ट्रियल कारिडोर सबसे पहले बनेगा क्योंकि यहां पहले से ही औद्योगिक विकास के लिए जरूरी लाजिस्टिक व इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधाएं मौजूद हैं. दिल्ली से यह सीधा जुड़ा हुआ भी है. औद्योगिक इकाइयों को इस कारिडोर में प्लग एंड प्ले सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में पहला कॉरिडोर जालौन में और दूसरा बांदा में बनेगा. यह कॉरिडोर बुंदेलखंड में पहले से बन रहे डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से अलग होंगे. यूपीडा से निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे भी उपयुक्त स्थलों को इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में चिन्ह्ति करने को कहा गया है.