हिमाचल में कहर बनकर बरसा मानसून, 108 लोगों की मौत, ₹3700 करोड़ का नुकसान, 1900 घर तबाह

शिमला: हिमाचल में इस मानसून सीजन में बारिश ने अबकी बार कहर बरपाया है. भारी बारिश से सड़कों, पेयजल परियोजनाओं, बिजली परियोजनओं सहित फलों व फसलों को भारी क्षति पहुंची है. प्रदेश में अब तक ₹3700 ज्यादा का नुकसान आंका गया है. यही नहीं इस बारिश में 100 से ज्यादा जानें चली गईं है और करीब 1900 से ज्यादा घर भी तबाह हो गए हैं. 600 के करीब मवेशियों की जानें भी यह बरसात ले चुकी है.

लोक निर्माण विभाग को भारी नुकसान: प्रदेश में मूसलाधार बारिश से अबकी बार जान-माल का भारी क्षति हुई है. प्रदेश में मानसून की बारिश में सड़कों, पानी की परियोजनाओं, निजी संपत्तियों को अब तक ₹3700 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है. मानसून शुरू होने से अब तक अकेले लोक निर्माण विभाग को ₹1120 करोड़ की क्षति हो चुकी है. भारी बारिश से प्रदेश में सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं और करीब 40 पुल भी इस बरसात में टूट गए हैं. लोक निर्माण विभाग सड़कों को खोलने के काम में जुटा है, जिसके लिए करीब 870 मशीनें लगाई गई हैं.

हिमाचल में अभी भी 868 सड़कें बाधित: अभी प्रदेश में अभी भी 868 सड़कें अवरुद्ध पड़ी हुई हैं. प्रदेश में सबसे ज्यादा शिमला जोन में सड़कों की हालात खराब हैं. यहां पर 568 सड़कें बंद हुई हैं. मंडी जोन तहत भी 242 सड़कें, हमीरपुर जोन के तहत 27 सड़कें और कांगड़ा जोन के तहत 28 सड़कें बंद हैं. कई जगह बारिश से सड़कों की बहाली का काम बाधित हो रहा है.

पानी की 1082 परियोजनाएं बंद: प्रदेश में भारी बारिश से जल शक्ति विभाग की पानी की परियोजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. जल शक्ति विभाग को अभी तक ₹1011 करोड़ नुकसान आंका गया है. मानसून में कुल 6663 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिनमें 5197 पेयजल परियोजनाएं हैं, विभाग ने अभी तक 4115 पेयजल परियोजनाओं को बहाल किया हैं, जबकि 1082 परियोजनाएं अभी भी बंद पड़ी हुई हैं. इससे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पानी का संकट हो गया है. कई इलाकों में कई दिनों से पानी नहीं आ रहा है. पेयजल के अलावा जल शक्ति विभाग की 1287 सिंचाई परियोजनाएं, 48 सीवरेज व 101 अन्य परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनको बहाल करने में अभी काफी समय लगने की संभावना है.

बिजली बोर्ड को ₹1382 करोड़ का नुकसान: प्रदेश में बिजली बोर्ड को इस बारिश ने करीब ₹1382 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है. प्रदेश में कई बिजली प्रोजेक्टों को बारिश से आई बाढ़ से भारी नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा प्रदेश में जगह-जगह बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और बिजली के खंभे भी टूट गए हैं. इससे प्रदेश के कई इलाकों में बिजली की सप्लाई पर भी असर पड़ा है. बारिश प्रदेश में बागवानी को भी ₹75 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचा है. शहरी निकायों में करीब ₹6.47 करोड़ का नुकसान आंका गया है.

बारिश में 108 लोगों की जानें गईं: लगातर हो रही बारिश से प्रदेश में भारी जानी नुकसान हुआ है. बीते चार दिनों में ही करीब 37 लोगों की मौत बारिश में हुई है. इसके साथ ही मानसून में अब तक प्रदेश में 108 जानें गई हैं. कुल्लू जिला में 32 और शिमला जिला में 26 लोगों की जानें बरसात में हुई है. चंबा में 12 लोगों की, मंडी में 9 और सोलन में 7 लोगों की मौत हुई. इसी तरह सिरमौर और हमीरपुर में 6-6 जानें बरसात में हुई है. बिलासपुर और किन्नौर जिला में 3-3 लोगों की जानें गई हैं. वहीं ऊना और कांगड़ा में 2-2 लोगों की मौत बरसात में हुई हैं. इसके अलावा बरसात में होने वाले हादसों की वजह से 108 लोग भी जख्मी हुए हैं.

1937 परिवारों के उजड़ गए आशियाने: भारी बारिश प्रदेश में भूस्खलन और बाढ़ से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कई परिवारों के आशियाने उजड़ गए. बरसात में 1937 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 663 आशियाने पूरी तरह से तबाह हुए हैं. जबकि 1264 घरों को भी आंशिक क्षति पहुंची है. इनके अलावा 104 दुकानें भी इस बरसात में बारिश से क्षतिग्रस्त हुई है. यही नहीं इस बरसात में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 700 से ज्यादा गौशालाएं भी ढह गई हैं और करीब 600 मवेशियों की भी मौत हुई है.

ETV भारत से साभार

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