राष्ट्रीय बास्केटबाल प्रशिक्षक डा. नितिन सक्सेना ने कालेजों में उपलब्ध खेल सुविधाओं पर किया शोध

बरेली,24 जनवरी। पूर्व बास्केटबाल खिलाड़ी और राष्ट्रीय बास्केटबाल प्रशिक्षक नितिन सक्सेना ने एमजेपीआरयू (महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखंड विवि) से संबद्ध निजी और सरकारी समेत 568 कालेजों में उपलब्ध खेल सुविधाओं, उनके रखरखाव, उपयोग और बजट निर्धारण (A Comparative study of existing sports facilities in govt and private colleges of Bareilly regions, affiliated to MJP Ruhelkhand University Bareilly) विषय पर शोध किया। एसआरएमएस मेडिकल कालेज में खेल अधिकारी नितिन सक्सेना ने इसके लिए जून 2018 में ओपीजेएस यूनिवर्सिटी, चुरु (राजस्थान) में रजिस्ट्रेशन कराया। ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में फिजिकल एजूकेशन एंड स्पोर्ट्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.राजेश कुमार और हिंदुस्तान कालेज आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मथुरा के खेल निदेशक राजेश कुमार कहरवार ने नितिन को गाइड और कोगाइड के रूप में शोध में मार्गदर्शित किया। यह शोध जून 2019 से अप्रैल 2023 तक किया गया। 24 अप्रैल 2023 में शोध पत्र सबमिट हुआ, जबकि 11 जनवरी 2024 ओपीजेएस यूनिवर्सिटी ने नितिन सक्सेना को डाक्टर की उपाधि प्रदान की। रिसर्च के लिए डा.नितिन ने रुहेलखंड विवि से संबद्ध 125 कालेज को रेंडमली मेल और वाट्सएप के जरिये और वहां जाकर शोध के विषय से संबंधित जानकारी ली। जिसमें 100 कालेजों ने रिस्पांस दिया, जबकि उनमें से 80 ने शोध में पूर्ण सहयोग किया। जिसमें 64 प्रतिशत कालेजों पर रिसर्च की गई। इस दौरान शोधार्थी को ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में नवंबर 2022 में आयोजित नेशनल कांफ्रेंस में शामिल होने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने लिव इन रिलेशनशिप- एथिकल, अनएथिकल एंड लीगल इश्यूज इन इंडिया पर व्याख्यान दिया। ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में दूसरी नेशनल कांफ्रेंस 16 दिसंबर 2022 को हुई। इसमें शोधार्थी ने आधुनिक जीवनशैली में योग का महत्व विषय पर व्याख्यान दिया। इसी दौरान शोधार्थी नितिन सक्सेना के तीन शोध विभिन्न जर्नल में प्रकाशित हुए। जिसमें अक्टूबर 2022 में स्पोर्ट्स फैसिलिटीज एंड यूटिलिटीज- परसेप्चुएल एनालिसिस आफ कालेज स्टूडेंट्स टापिक पर पहला लेख इंटरनेशनल जर्नल आफ योगा, फिजियोथेरेपी एंड फिजिकल एजूकेशन में प्रकाशित हुआ। दिसंबर 2022 में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर एंड फैसिलिटीज एंड एनालिटिकल सर्वे विषय पर दूसरा लेख इंटरनेशनल जर्नल आफ फिजिकल एजूकेशन, स्पोर्ट्स एंड हेल्थ में प्रकाशित हुआ। जबकि अप्रैल 2023 में एक्सपेंडीचर आन स्पोर्ट्स एप्रेजल, इंफ्रास्ट्रक्चर एंड मास पार्टिसिपेशन टापिक पर तीसरा प्रकाशन जनरल ग्लोबल वैल्यूज में हुआ। डा.नितिन के अनुसार शोध के दौरान उन्हें एमजेपीआरयू और इससे संबद्ध निजी और सरकारी कालेजों में खेल सुविधाओँ पर चौकाने वाली जानकारी मिलीं। जिसे उन्होंने अपने शोध में प्रमुखता से उठाया।
शोध के निष्कर्ष — * एमजेपीआरयू से संबद्ध 568 कालेजों में अधिकतर में मिट्टी और घास के मैदान पर होते हैं खेलऔर प्रतियोगिताएं ।
* एमजेपीआरयू सहित अधिकतर कालेजों में शारीरिक शिक्षा और खेल विभाग से संबंधित शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। * विवि से संबद्ध कुछ कालेजों में ही बास्केट बाल और बैडमिंटन जैसे खेलों के लिए सीमेंटेड कोर्ट उपलब्ध मिला। * सिर्फ कुछ ही कालेजों में कुश्ती के लिए पर्याप्त सुविधाएं और रेसलिंग के गद्दे उपलब्ध हैं। * अधिकतर कालेजों में खेल मैदान भी बाउंड्रीवाल से कवर्ड नहीं मिला। * अधिकतर कालेज बजट होने के बाद भी दस हजार रुपये प्रति वर्ष से कम खर्च करते हैं खेलों पर।
*अधिकतर कालेज खेलों में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान करते हैं। * खिलाड़ियों को स्कालरशिप प्रदान करने वाले कालेजों की संख्या बेहद कम है। * सिर्फ 30 फीसद कालेज ही 50 हजार रुपये से ज्यादा का खेल सामान प्रति वर्ष खरीदते हैं। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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