उत्तर प्रदेश

रूहेलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में नेशनल लेवल फैकेलटीई डेवलपमेंट प्रोग्राम का तीसरा दिन

बरेली , 30 नवम्बर। महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में नेशनल लेवल फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के तीसरे दिन का आरम्भ कल हाइब्रिड मोड़ में किया गया। जिसमें विभाग के समिति कक्ष में कार्यक्रम के मोडरेटर, फैसिलिटेटर, कन्वीनर, को-कन्वीनर, समस्त शिक्षकगण, शोधार्थी, एवं संचालन समिति के सदस्य उपस्थित रहे तथा 200 से अधिक प्रतिभागियों व अन्य आमंत्रित सहभागियों ने ऑनलाइन मोड में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम के पहले सत्र के मुख्य अतिथि व प्रमुख वक्ता, प्रोफेसर गौरव सिंह, सी. आई. ई. टी. ,एन. सी. ई. आर. टी. ,नई दिल्ली ने शिक्षकों को “प्रकाशन नैतिकता” विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। अपने उद्बोधन की शुरुआत उन्होंने एक वीडियो दिखाकर की । अपने व्याख्यान में उन्होंने आंकड़ें जालसाजी, मिथ्याकरण, साहित्य चोरी पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार शोधकर्ता विभिन्न तरीकों से अपने अनुसंधान में हेर फेर करते हैं और उनका परिणाम अपने अनुसार करने का प्रयास करते हैं। साहित्य चोरी के विभिन्न प्रकारों पर प्रकाश डाला तथा किस प्रकार अलग-अलग सोफ्टवेयर का प्रयोग करके साहित्य चोरी से बचा जा सकता इस पर चर्चा की। जिससे शोधकर्ता अपने शोध को शुद्धता से कर सके। अपनी प्रस्तुति के अंत में उन्होंने प्रतिभागियों से प्रश्न आमंत्रित किए और उनकी शंकाओं का समाधान किया गया।
दूसरे सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉक्टर कौशल शर्मा डी.एम.आर.यू. , लखनऊ ने “शैक्षिक शोध प्रकाशन ” के विषय में अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने शैक्षिक शोध प्रकाशन के प्लेटफार्म को व्यक्त करते हुए अपनी प्रस्तुति आरंभ की। प्रतिभागियों को शोध प्रकाशन के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं जैसे – शोध मौलिकता, शोध अनुप्रयोग, स्पष्टता, कापी राइट्स, प्रकाशन चुनाव तथा विशेष समूह तक शोध कार्य पहुंच किस प्रकार हो ,इस पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अपने व्याखान में आई. एस. बी. एन. और आई. एस. एस. एन. नंबर की महत्ता पर ध्यान केंद्रित किया तथा प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान किया गया।तीसरे दिन के कार्यक्रम के प्रथम सत्र की मध्यस्थता मि. विमल कुमार तथा दूसरे सत्र की मध्यस्थता डॉ. प्रेम पाल सिंह के द्वारा की गई। प्रोफेसर यशपाल सिंह द्वारा कार्यक्रम का समन्वयन किया गया। इस कार्यक्रम की को-कन्वीनर प्रोफेसर यशपाल सिंह ने समापन व्यक्तव्य तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए इस कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ तरुण राष्ट्रीय, डॉ. प्रतिभा सागर, श्री रश्मि रंजन, तथा शोधार्थी उपवन कुमार, शालिनी सक्सेना, शबिया, आकाश कुमार, शिवी अग्रवाल, जगदीश कुमार, सत्य प्रकाश आजाद, एवं राजेश कुमार, सभागार में उपस्थित रहे।

बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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