रेलवे को कहां से होती है सबसे ज्यादा कमाई, यात्रियों से मिलता है सिर्फ 20 फीसदी पैसा
नई दिल्ली. भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. रोजाना हजारों ट्रेनें चलाता है, जिसमें करीब 2.4 करोड़ यात्री सफर करते हैं. इतना ही नहीं 9 हजार से ज्यादा मालगाडि़यां भी रोजाना दौड़ाता है भारतीय रेलवे. अब इतने विशाल रेल नेटवर्क को चलाने और उसके रखरखाव पर कितना खर्च आता होगा, इसका तो अंदाजा भी लगाना मुश्किल है. लेकिन, इन खर्चों को पूरा करने का स्रोत क्या सिर्फ यात्रियों से होने वाली टिकट की वसूली है. नहीं, यात्रियों के जरिये तो रेलवे को बमुश्किल 20 फीसदी ही कमाई होती है. तो, फिर बाकी खर्चा कैसे पूरा होता है. इस बारे में कभी सोचा है आपने.
वाणिज्य मंत्रालय के सरकारी ट्रस्ट इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन की रिपोर्ट देखें तो पता चलता है कि हर साल रेलवे को यात्रियों से सिर्फ 20 फीसदी ही कमाई होती है. वित्तवर्ष 2021-22 के आंकड़ों पर नजर डालें तो रेलवे की कुल कमाई में यात्री किराये की हिस्सेदारी 20.2 फीसदी रही है. रेलवे को सबसे ज्यादा कमाई माल ढुलाई से होती है. पिछले वित्तवर्ष के आंकड़े देखें तो कुल राजस्व में मालभाड़े की हिस्सेदारी 75.2 फीसदी है. इस तरह देखा जाए तो 95.4 फीसदी कमाई इन दोनों सेक्शन से होती है. शेष 4.6 फीसदी राजस्व अन्य स्रोत से प्राप्त होता है, जिसमें कबाड़ की बिक्री भी शामिल है.
रेलवे को भी अच्छी तरह से पता है कि उसकी ज्यादातर कमाई मालभाड़े से होती है. लिहाजा यात्री सुविधाओं के साथ अब मालगाडि़यों के आवागमन की भी बेहतर सुविधा की जा रही है. इसके लिए देश के सभी प्रमुख शहरों से बंदरगाहों तक डेडिकेटेड फ्रेअ कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं. इसका मकसद आयातित सामानों को आसानी से बड़े शहरों तक पहुंचाना है. जैसे-जैसे माल ढुलाई का नेटवर्क बेहतर हो रहा है, रेलवे की कमाई में भी बढ़ोतरी हो रही है.
वित्तवर्ष 2020-21 के मुकाबले 2021-22 में माल ढुलाई से रेलवे की कमाई करीब 20.84 फीसदी बढ़ गई. हालांकि, इसका प्रमुख कारण कोरोना महामारी भी थी. वित्तवर्ष 2020-21 में जहां रेलवे को मालभाड़े से 15.35 अरब डॉलर यानी करीब 1.24 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई थी, वहीं 2021-22 में यह कमाई बढ़कर 18.55 अरब डॉलर यानी 1.50 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई.
चालू वित्तवर्ष यानी 2022-23 की बात करें तो अक्टूबर तक रेलवे को कुल 16.56 अरब डॉलर यानी 1.34 लाख करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी थी. इसमें यात्री किराये से 4.39 अरब डॉलर यानी 35.5 हजार करोड़ रुपये कमाई हुई. शेष 1 लाख करोड़ रुपये माल ढुलाई के रूप में रेलवे को मिले हैं.
भारतीय रेलवे प्रतिदिन करीब 9,141 मालगाडि़यां दौड़ाता है, जो देश के कोने-कोने से सामान की ढुलाई करती हैं. इनके जरिये प्रतिदिन करीब 20.38 करोड़ टन माल की ढुलाई की जाती है. भारतीय रेलवे 450 किसान रेल सर्विस भी चलाता है, जिसके जरिये 1.45 लाख टन एग्रीकल्चर प्रोडक्ट की रोजाना ढुलाई की जाती है.