रेलवे स्टेशन पर क्यों लिखी होती है समुद्र तल से ऊंचाई? 99% लोगों को नहीं मालूम, क्या आप जानते है इसकी वजह?

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे में हर दिन लाखों-करोड़ों लोग सफर करते हैं. मगर बहुत ही कम लोग रेलवे के नियम और कानून की जानकारी रखते हैं. उदाहरण के तौर पर ट्रेन के आखिरी कोच पर X क्यों लिखा रहता है या पटरियों के पास नुकीले पत्थर क्यों पड़े रहते हैं या फिर टर्मिनल, जंक्शन और सेंट्रल में क्या फर्क है. ये ऐसे सवाल हैं, जिनके सवाल अधिकतर लोगों को मालूम नहीं हैं. एक और सवाल यह भी है कि रेलवे स्टेशन पर जो साइन बोर्ड लगा होता है, उस पर समुद्र तल के ऊंचाई क्यों लिखी होती है? क्या यह यात्रियों के लिए फायदेमंद होती है या फिर इसके पीछे कोई और वजह होती है? आइए आपको बताते हैं.

अगर आपने ट्रेन में सफर किया है तो हर स्टेशन की शुरुआत और अंत में एक पीले रंग का बोर्ड लगा होता है, जिस पर जगह का नाम और समुद्र तल से ऊंचाई लिखी होती है. यात्रियों की नजर बोर्ड पर जरूर जाती है. लेकिन समुद्र तल से ऊंचाई होती क्या है? अंग्रेजी में इसको Mean Sea Level बोला जाता है. पूरी दुनिया में समुद्र का लेवल एक समान होता है. लिहाजा ऊंचाई को ठीक तरह से मापने के लिए समुद्र तल को ही आधार माना गया है.

स्टेशन पर समुद्र तल से ऊंचाई की जानकारी दरअसल यात्रियों नहीं बल्कि गार्ड और लोको पायलट के लिए होती है. इससे वह ट्रेन की स्पीड को बढ़ाने या घटाने का निर्णय ले पाते हैं. स्टेशन पर लिखी इस जानकारी से ड्राइवर इस बात का भी फैसला ले पाता है कि कितनी ऊंचाई पर चढ़ने के लिए उसे इंजन में कितनी पावर देनी है. या फिर जब वह नीचे जाएगी जो ड्राइवर को मालूम चल जाता है कि उसे कितना फ्रिक्शन लगाना है या कितनी रफ्तार रखनी है. यही वजह है कि सभी स्टेशनों पर समुद्र तल से ऊंचाई लिखी जाती है.

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