लखनऊ की कला स्रोत गैलरी 20 अप्रैल से देश के जाने माने चित्रकार यूसुफ के चित्रों –रेखांकनों की एक प्रदर्शनी का आयोजन

यूसुफ भोपाल में रहते हैं।वह भी इस प्रदर्शनी के अवसर पर लखनऊ आ रहे हैं।भोपाल के भारत भवन के ग्राफिक स्टूडियो के प्रमुख के रूप में यूसुफ ने बहुतेरे कलाकारों को प्रोत्साहित भी किया है।उनकी कला में रेखाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है जो बहुत सराही जाती है।उनका हर रेखांकन जैसे एक यात्रा है –जानी –अजानी दिशाओं की , विभिन्न अनुभवों–अनुभूतियों की, मनोदशाओं की, प्रकृति के अनेकानेक दृश्य और ओझल रूपों की।
यह प्रदर्शनी क्यूरेट की है सुपरिचित कवि, कला समीक्षक प्रयाग शुक्ल ने जो यूसुफ को उनके युवा दिनों से जानते रहे हैं। प्रयाग शुक्ल ने देश के प्रायः सभी अग्रणी कलाकारों के साथ बहुतेरा समय बिताया है , जिनमे हुसेन, रामकुमार, सूजा , स्वामीनाथन, अंबादास जैसे नाम शामिल हैं । इन सब पर उनकी किताबें भी हैं। यूसुफ की प्रदर्शनी क्यूरेट करने में उनकी सहयोगी की भूमिका में रही हैं तिथि , जिन्हों ने उनके साथ दो बार यूसुफ के काम चुनने के सिलसिले में भोपाल की यात्राएं भी की हैं ।
20 अप्रैल को प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर अपनी कविताओं का पाठ करेंगी लखनऊ की ही सुशीला पुरी।क्यूरेटर प्रयाग शुक्ल कला और कविता की
निकटता को देखते हुए अपनी हर क्यूरेट की हुई प्रदर्शनी में कविता –पाठ का संयोजन जरूर करते हैं।प्रदर्शनी के शुभारंभ पर यूसुफ की कला और जीवन पर बनायी गयी डाॅ श्रुति लखनपाल टंडन की फिल्म भी दिखाई जाएगी। वह भी इस अवसर के लिए लखनऊ आ रही हैं।
कला स्रोत गैलरी की मानसी डिडवानिया और गैलरी के संचालक अनुराग का कहना है कि
इतने बडे पैमाने पर सम्भवतः पहली बार लखनऊ में यूसुफ जैसे देश के एक बहुचर्चित कलाकार की प्रदर्शनी हो रही है।यही कारण है कि दोनों इस प्रदर्शनी को लेकर बहुत उत्साहित हैं। ‎

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