विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस पर वेदांता एल्यूमिनियम अपने नीतियों से दे रहा है पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा शमनकारी और प्रतिसंतुलनकारी उपायों के साथ अपने कार्बन फुटप्रिंट में कमी लाने के लिए कंपनी ने लागू की व्यापक दो-तरफा रणनीति

 

विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक कंपनी वेदांता एल्यूमिनियम ने पर्यावरण संरक्षण नीति को आगे बढ़ाते हुए अपने प्रचालनों के आसपास के इलाकों में पारिस्थितिकी तंत्र की वृद्धि हेतु काम कर रही है। पर्यावरण संरक्षण तथा संवर्धन पर केन्द्रित व्यापक पहलों के माध्यम से कंपनी अपनी कोशिशों को जारी रखे हुए है। वेदांता एल्यूमिनियम का ध्येय है वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ियों के लिए पारिस्थितिक रूप से आशाजनक भविष्य की रचना करना।

कंपनी ने दो-तरफा रणनीति शमनकारी और प्रतिसंतुलनकारी उपायों को अपनाया है जिससे कंपनी अपने प्रचालनों में सस्टेनेबिलिटी सुनिश्चित करेगी और अपने कार्बन फुटप्रिंट को घटाएगी। शमनकारी उपायों के तहत कंपनी उच्च ऊर्जा दक्षता के साथ अपनी विनिर्माण उत्कृष्टता बढ़ाने पर ध्यान दे रही है। कंपनी अपने एनर्जी-मिक्स में नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों की मात्रा बढ़ा रही है तथा कम कार्बन उत्सर्जित करने वाले स्त्रोतों (जैसे बायोफ्यूल) की तरफ बढ़ रही है। अपने कार्बन फुटप्रिंट की भरपाई के लिए कंपनी ओडिशा और छत्तीसगढ़ में अपने संयत्रों के आसपास के क्षेत्र में व्यापक वनीकरण प्रयासों के माध्यम से पर्याप्त कार्बन सिंक भी बना रही है। इस ध्येय हेतु कंपनी द्वारा रणनीतिक रूप से उठाए कदमों की वजह से वेदांता एल्यूमिनियम ने वित्तीय वर्ष 2022 में एल्यूमिनियम उद्योग की एस एंड पी डाउ जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स वर्ल्ड रैंकिंग्स में दूसरा स्थान हासिल किया था। आज यह दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा सस्टेनेबल एल्यूमिनियम उत्पादक कंपनी है।

’प्लेनेट फर्स्ट’ यानी अपने ग्रह को सर्वप्रथम तरजीह देने का दृष्टिकोण कंपनी के उत्पाद विकास एवं नवाचार में भी दिखाई देता है। वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे पहली लो-कार्बन एल्यूमिनियम रेंज ’रिस्टोरा’ की निर्माता है। यह उत्पाद पर्यावरण-अनुकूल सामग्रियों की बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करने में योगदान दे रहा है। कंपनी ने एक मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी का भी उद्घाटन किया है जो कचरे को उपयोग करने योग्य बनाती है, इस तरह सर्कुलर इकॉनॉमी के निर्माण में योगदान देती है। कंपनी डिजिटल टेक्नोलॉजी को भी अपना रही है जैसे कि इंडस्ट्रियल इंटरनेट ऑफ थिंग्स यानी आईआईओटी-आधारित प्रौद्योगिकी जो उत्सर्जन को कम करती है। इसके अलावा वेदांता एल्यूमिनियम ने लिथियम आयन बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक फोर्कलिफ्ट्स को भी अपने संयंत्रों में तैनात किया है। कंपनी के पास इस किस्म की फोर्कलिफ्ट्स की भारत में सबसे बड़ी फ्लीट है। ये सभी कदम दर्शाते हैं कि वेदांता एल्यूमिनियम अपने उत्पादन को सस्टेनेबिलिटी अनुकूल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

इन उपायों के अंतर्गत वेदांता एल्यूमिनियम ने दायित्वपूर्ण जल प्रबंधन में ठोस योगदान दिया है। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023 में 13.69 अरब लीटर पानी को रिसाइकल किया जो बहुत ही महत्वपूर्ण आंकड़ा है। साथ ही वित्तीय वर्ष 2022 में कंपनी ने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 24 प्रतिशत की गिरावट की उल्लेखनीय कार्य किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी ने 2012 को आधार वर्ष बनाया था। कंपनी ने ईआरएम इंडिया के साथ रणनीतिक भागीदारी की है जो कि पर्यावरण के विषय पर परामर्श देने वाली प्रसिद्ध कंपनी है। इस भागीदारी के अंतर्गत कंपनी के प्रचालन क्षेत्रों में जैव विविधता प्रबंधन योजना (बीएमपी) में वृद्धि की जाएगी जो पर्यावरण संरक्षण हेतु कंपनी की कटिबद्धता को दर्शाती है।

विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर वेदांता लिमिटेड-एल्यूमिनियम बिजनेस के सीओओ श्री सुनील गुप्ता ने कहा कि वेदांता एल्यूमिनियम में हमारी पहलें महज़ परिवेश को बेहतर बनाने से कहीं आगे जाती हैं, उनमें सस्टेनेबल फ्यूचर के लिए एक निर्णायक सोच शामिल है। दुनिया स्वच्छ ऊर्जा की तरफ तेजी से बढ़ रही है ऐसे में सस्टेनेबल एल्यूमिनियम उत्पादों की मांग बढ़ने लगी है और इस परिवर्तन में अहम भूमिका निभाने के लिए हम तैयार हैं। विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर हम भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ पर्यावरण कायम करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।

सस्टेनेबिलिटी में अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को स्थापित करते हुए वेदांता एल्यूमिनियम ने अपने झारसुगुडा संयंत्र के लिए एल्यूमिनियम स्टीवर्डशिप इनिशिएटिव (एएसआई) अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन प्राप्त किया है, जो इसके उच्च मानकों का एक शानदार वैश्विक संकेतक है। इसके अतिरिक्त कंपनी के उत्पादों की व्यापक श्रृंखला को पर्यावरण उत्पाद घोषणा (ईपीडी) इंटरनेशनल द्वारा पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ के रूप में सत्यापित किया गया है जो उनके पर्यावरणीय प्रयासों का एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय मार्कर है।

वेदांता एल्यूमिनियम पर्यावरणीय महत्व को समझती है क्योंकि य विविध पहलों के माध्यम से समुदायों को अपने साथ जोड़ती है और उन्हें सशक्त करती है। इनमें शामिल हैं- वित्तीय वर्ष 2023 में वृक्षारोपण की मियावाकी पद्धति द्वारा व्यापक वनीकरण, 40 से अधिक जलाशयों की बहाली जो कि स्थानीय लोगों के लिए जीविका के महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं तथा ’जीविका समृद्धि’ परियोजना जो संवहनीय कृषि पद्धतियों को प्रोत्साहन देती है। इसके अलावा, कर्मचारी स्वयं सेवकों ने शहरों में तथा झारसुगुडा, ओडिशा स्थित सिंघाबाघा वैटलैंड्स जैसे जैव विविधता के प्रमुख स्थलों में चलाए गए स्वच्छता अभियानों में भी योगदान दिया है।

वेदांता एल्यूमिनियम पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी से परे है, विभिन्न पहलों के माध्यम से समुदायों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रहा है और उन्हें सशक्त बना रहा है। इनमें वृक्षारोपण की मियावाकी पद्धति के माध्यम से एक व्यापक वनीकरण अभियान, वित्त वर्ष 2023 में 40 से अधिक सामुदायिक जल निकायों की बहाली शामिल है जो स्थानीय जीविका के महत्वपूर्ण स्रोत हैं। “जीविका समृद्धि” परियोजना जो स्थायी कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देती है। इसके अलावा कर्मचारी स्वयंसेवकों ने शहर की सीमाओं के भीतर और ओडिशा के झारसुगुडा में सिंघाबागा आर्द्रभूमि जैसे जैव विविधता हॉटस्पॉट में सफाई अभियान में योगदान दिया है।

वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता एल्यूमिनियम भारत की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 23 में 22.9 लाख टन उत्पादन के साथ कंपनी ने भारत के कुल एल्यूमिनियम का आधे से ज्यादा हिस्सा उत्पादित किया। यह मूल्य संवर्धित एल्यूमिनियम उत्पादों के मामले में अग्रणी है, इन उत्पादों का प्रयोग कई अहम उद्योगों में किया जाता है। वेदांता एल्यूमिनियम को एल्यूमिनियम उद्योग में डाउ जोंस सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स (डीजेएसआई) 2022 में दूसरी वैश्विक रैंकिंग मिली है, जो इसकी सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रक्रियाओं का प्रमाण है। देश भर में अपने विश्वस्तरीय एल्यूमिनियम स्मेल्टर्स, एल्यूमिना रिफाइनरी और पावर प्लांट्स के साथ कंपनी हरित भविष्य के लिए विभिन्न कार्यों में एल्यूमिनियम के प्रयोग को बढ़ावा देने और इसे ’भविष्य की धातु’ के रूप में पेश करने के अपने मिशन को पूरा करती है।

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