शिवलिंग पर भूलकर भी न चढ़ाएं ये 5 चीजें, माना जाता है अशुभ, जानें किन चीजों से करें भगवान शंकर का अभिषेक

Mahashivratri 2024 : देवाधिदेव भगवान भोलेनाथ व देवी पार्वती के शुभ विवाह का पावन पर्व महाशिवरात्रि व्रत व उत्सव शिव प्रदोष व शिवयोग के शुभ संयोग में आज शुक्रवार को मनाया जा रहा है।भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा के अध्यक्ष केसी पांडेय ने बताया कि मंदिर में पहले गणपति को फिर नंदीश्वर, कार्तिकेय, मां पार्वती के बाद शिवलिंग पर क्रम से जल चढ़ाए। शुभ व अमृत की चौघड़िया में अभिषेक व पूजन समस्त भक्तों के लिए अत्यंत शुभ फल देने व कल्याण करने वाला होगा। रात में सिद्धि योग भी अत्यंत श्रेष्ठ है। साथ ही प्रदोष व्रत रखने वाले सायंकाल में भी जलाभिषेक व पूजन करें। निर्णयसिंधु व धर्मसिंधु से स्कन्द पुराण, शिव पुराण, लिंगपुराण,नारदसंहिता आदि धर्मग्रंथों में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष में जिस दिन आधीरात के पहले व आधी रात के बाद चतुर्दशी तिथि प्राप्त हो व्रत करने वाले शिवरात्रि का व्रत करके पुण्य फल प्राप्त करें।

शिवलिंग पर ये चीजें अर्पित न करें-

शिवलिंग पर शंख से जल अर्पित न करें।
शिवलिंग पर केवड़े और केतकी का पुष्प अर्पित नहीं करना चाहिए।
भगवान शंकर की पूजा में तुलसी दल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। भोलेनाथ को तुलसी दल नहीं चढ़ाया जाता है।
भगवान शंकर की पूजा में हल्दी का इस्तेमाल भी नहीं किया जाता है।
भगवान शंकर को नारियल पानी भी नहीं चढ़ाया जाता है।

ऐसे करें भगवान शिव की पूजा: भगवान भोलेनाथ का अभिषेक गंगाजल, गाय के दूध, गन्ने के रस, शहद, घी, गिलोय के रस से करना उत्तम रहेगा। बेलपत्र, भांग, धतूरा व फूल, आंक, शमी पुष्प व पत्र, कनेर, सफेद चन्दन, कलावा, पान, जनेऊ के साथ मौसमी फल जैसे बेर, केला, अमरुद, संतरा, सेब व मिष्ठान आदि के साथ मनोकामना पूर्ति के लिए पूजन में अक्षत, खीर, तिल के साथ नीले, सफेद व पीले पुष्प व दूर्वा भगवान भोलेनाथ को प्रिय है। कुंवारी कन्याओं को सुंदर सुयोग्य वर प्राप्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग की पूजा करना चाहिए।

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