सोनभद्र के चोपन पुलिस को मिली सफलता,अथक परिश्रम कर खोजबीन के बाद तीन वर्ष से गुमशुदा युवक को पुलिस ने उसके परिजनों से मिलवाया
सोनभद्र,पुलिस अधीक्षक जनपद सोनभद्र डॉ0 यशवीर सिंह के कुशल नेतृत्व में एवं अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय श्री कालू सिंह व क्षेत्राधिकारी नगर महोदय सोनभद्र के पर्यवेक्षण में चलाये जा रहे गुमशुदा की तलाश अभियान के क्रम में आज 22 जुलाई को थाना चोपन पुलिस की गठित टीम द्वारा अथक परिश्रम, काफी खोजबीन के बाद ग्राम सैनपुर, थाना बुढ़ाना, जनपद मुजफ्फर नगर से गुमशुदा सरजू पुत्र रामजीत निवासी अम्मा टोला, थाना चोपन, सोनभद्र को सकुशल बरामद किया । परिजनों द्वारा युवक की सकुशल बरामदगी पर पुलिस की भूरी-भूरी प्रंशसा की गयी।
अवगत कराया गया है कि लगभग तीन वर्ष पूर्व अपने गाँव के कुछ लड़को के साथ मेहनत मजदूरी करने के उद्देश्य से सरजू पुत्र रामजीत निवासी अम्मा टोला, थाना चोपन, सोनभद्र से बागपत के सुरूरपुर कला गाँव गया था, जहाँ से घर की याद आने के कारण एक दिन अचानक वहां से बिना बताये घर के लिए निकल गया, परन्तु कम शिक्षित होने के कारण घर का पता न बता पाने की वजह से घर नही आ पाया । जिससे परेशान होकर सरजू के परिजनो द्वारा थाना चोपन गुमशुदगी की सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र दिया गया जिसके क्रम में 29 सितम्बर 2022 को थाना चोपन पर मु0अ0सं0 254/2022 धारा 370 भादवि का अभियोग पंजीकृत कराया गया । उक्त गुमशुदा की तलाश में पुलिस द्वारा तलाश गश्ती दूरदर्शन में प्रसारण व मल्टी मिडिया के माध्यम से तलाश का काफी प्रयास किया गया । उक्त गुमशुदा बालक के तलाश मे 18 दिसंबर 22 को पहली बार थाना चोपन पर गठित पुलिस टीम जनपद बागपत, मेरठ, व इलाहाबाद तथा दिनांक 12 जुलाई को दूसरी बार जनपद बागपत, मेरठ व इलाहाबाद व आस-पास के जिलो मे तलाश करने गयी परन्तु सफलता नही मिली । पुनः दिनांक 19 जुलाई को पुलिस टीम जनपद मुजफ्फर नगर को रवाना हुयी व अथक परिश्रम, काफी खोजबीन के बाद ग्राम सैनपुर,थाना बुढ़ाना, जनपद मुजफ्फर नगर से गुमशुदा सरजू को बरामद किया गया, वहां से गुमशुदा व उसके परिजन से बात कराने पर गुमशुदा सरजू की पुष्टि होने पर पुलिस टीम गुमशुदा सरजू को अपने साथ लेकर थाना चोपन, जनपद सोनभद्र आकर उसके परिजनो को बुलाकर पहचान कराते हुए सरजू को उसके परिजन को नियमानुसार सुपुर्द किया गया । दोनो पिता पुत्र एक दुसरे को देखकर मौके पर ही गले लग कर रोने लगे, वातावरण भावुक हो गया।
रवीन्द्र केसरी सोनभद्र