एसआरएमएस रिद्धिमा में ‘कथा बल्लभगढ की’ नाटक का मंचन
बरेली , 11 सितम्बर। एसआरएमएस रिद्धिमा के सभागार में कल ‘कथा बल्लभगढ़ की’ नाटक का मंचन हुआ। रिद्धिमा प्रोडक्शन द्वारा प्रस्तुत और शैलेन्द्र शर्मा द्वारा निर्देशित इस नाटक की कहानी बल्लभगढ़ के एक पुराने खंडहर हो चुके महल से शुरू होती है, जिसे उसके वारिस राजा बहादुर बेचना चाहते हैं, पर इसमें समस्या महल में वास करने वाली एक आत्मा है, जो राजबहादुर के पूर्वज रघु दादा की है। एक दिन पुरानी चीजों को खरीदने का शौकीन हालदार नाम का व्यक्ति महल को खरीदने आता है। उसे महल में घूमने वाली आत्मा के बारे में पता चलता है। फिर भी हालदार महल खरीदने को राजी हो जाता है। इसी बीच हालदार की बेटी को उस आत्मा रघु दादा से प्यार हो जाता है। यह बात उनकी मां को पसंद नहीं। इसी वजह से वो मकान खरीदने के लिए मना कर देती हैं। महल में रघु दादा अपने पिता के शाप के कारण भटक रहे है, क्योंकि उनको प्रतापगढ़ के वंशज से नाक रगड़वा कर पिता के अपमान का बदला लेना था, लेकिन वह ऐसा कर नहीं पाए और उनकी मृत्यु हो गई। एक दिन चौधरी नामक व्यक्ति महल देखने आता है। हालदार भी इसी समय आ जाते हैं। बातों बातों में पता चलता है कि चौधरी प्रतापगढ़ के वंश का है। यह जानकारी मिलते ही रघु दादा की आत्मा प्रकट होती है और चौधरी से नाक रगड़वाती है। ऐसा करने से उसे मुक्ति प्राप्त हो जाती है।यहीं पर नाटक समाप्त हो जाता है। इस नाटक में निर्देशक शैलेन्द्र शर्मा ने खुद मनोहर और चौधरी की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सूर्य प्रकाश (राजा बहादुर), फरदीन (संजीव), विनायक श्रीवास्तव (हालदार), शिल्पी सिन्हा (स्वपना), कीर्ति गुर्जर (छंदा), सुबोध (साहू), शिवा (पवन) ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया। नाटक में संगीत संचालन मंजीत ने किया और जाफर ने प्रकाश संचालन की जिम्मेदारी निभाई। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देव मूर्ति जी, आशा मूर्ति जी, सुभाष मेहरा, डा. प्रभाकर गुप्ता, डा.अनुज कुमार सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट