मण्डलायुक्त ने बिसौली स्थित यदु चीनी मिल में बिना पर्ची के अवैध रूप से गन्ना क्रय की विशेष समिति गठित कर कराई जांच

 

बरेली ,13 जनवरी।अवैध गन्ना क्रय के संबंध में प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही करते हुए मण्डलायुक्त ने चार सदस्यीय समिति गठित कर समिति को जांच कर शाम तक रिपोर्ट सौंपने हेतु निर्देशित किया। निर्देशानुसार समिति बिसौली स्थित यदु चीनी मिल पहुँची मिल के कैन कैरियर पर पहुँचने पर वहां मौके पर मात्र एक ट्रक गन्ना पाया, जो कैरियर पर उतर रहा था। यार्ड में तथा मिल गेट पर गन्ने का अन्य कोई वाहन नहीं था। इसके पश्चात् मिल के प्रशासनिक कार्यालय पहुँचकर मिल प्रबन्धन से गन्ना पेराई से संबंधित अभिलेख माँगे गये, जिस पर मिल प्रबन्धन द्वारा एक रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई। प्रस्तुत रिपोर्ट में दर्शाया गया है कि दिनांक 06-01-2024 तक 18.67 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई एवं 1.9़1 लाख क्विंटल चीनी तथा 1.22 लाख क्विंटल शीरे के उत्पादन किया गया है। मिल चलने से लेकर अब तक (टु-डेट) चीनी रिकवरी प्रतिशत 10.70 दर्शायी गयी।

मिल द्वारा दी गयी रिपोर्ट के सत्यापन के लिए कम्प्यूटर सेक्शन में जाकर गन्ना खरीद से संबंधित आँकड़े कम्प्यूटर पर दिखाने के लिए कहा गया जिससे कि मिल द्वारा प्रस्तुत किये गये अभिलेखों की वास्तविकता का सत्यापन किया जा सके किन्तु मिल प्रबन्धन द्वारा न तो अपने सिस्टम का एक्सेस दिया गया एवं न ही कम्प्यूटर पर आँकड़ों को ही दिखाया गया। यह बताया गया कि जी0एम0 आई0टी0 श्री कुशवाहा अवकाश पर है अतः सिस्टम का पासवर्ड अन्य किसी के पास है।

मिल प्रबन्धन द्वारा प्रस्तुत किये गये आँक़ड़ों के अनुसार 18.67 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई व 1.22 लाख क्विंटल शीरे के उत्पादन किया गया है। इस प्रकार 6.77 प्रतिशत शीरे की रिकवरी दर्शायी गयी, जो कि सामान्य से अधिक है। चीनी परता एवं गन्ने के प्राईमरी जूस के विश्लेषण व मिल मशीनों की भौतिक स्थिति के आधार पर अधिकतम शीरे के उत्पादन अनुमानतः 5 प्रतिशत होना चाहिए था। 5 प्रतिशत के अनुसार गणना करने पर मिल द्वारा गन्ने की पेराई लगभग 24.40 लाख क्विंटल किया जाना अनुमानित है। यह मिल प्रबन्धन द्वारा दर्शाये गये आँकड़ों से 5.73 लाख क्विंटल अधिक है। मिल प्रबन्धन द्वारा जानबूझकर शीरा उत्पादन का प्रतिशत अधिक दिखाकर वास्तविक गन्ना पेराई की मात्रा को कम दर्शाया गया है।

इसके अतिरिक्त मिल द्वारा सल्फर के उपभोग संबंधी अभिलेखों का परीक्षण किया गया जिसमें इस पेराई सत्र में 1848.62 क्विंटल सल्फर की स्टॉक से निकासी/खपत प्रदर्शित की गयी थी तथा चीनी प्रोसेसिंग में 0.08 प्रतिशत सल्फर की खपत दर्शायी गयी थी। मिल द्वारा दिये गये आँकड़ों का परीक्षण करने पर 0.08 प्रतिशत की दर से सल्फर का उपभोग 1493.06 क्विंटल होना चाहिए, जबकि मिल के रजिस्टर के अनुसार 1848.62 क्विंटल सल्फर का उपभोग किया गया है जो कि 355 क्ंिवटल अधिक है। इस प्रकार 355 क्विंटल सल्फर के अधिक उपभोग से दर्शायी गयी गन्ना पेराई मात्रा 18.67 लाख क्ंिवटल से लगभग 4 से 5 लाख क्विंटल अधिक पेराई किया जाना अनुमानित है। सामान्यतः गन्ना मिलों में चीनी प्रोसेंसिंग में 0.05-0.06 प्रतिशत तक ही सल्फर का उपभोग होता है। यदि सल्फर उपभोग की अधिकतम सीमा 0.06 प्रतिशत से गणना की जाये तो 1848.62 क्विंटल सल्फर उपभोग के आधार पर कुल गन्ना पेराई 30.80 लाख क्विंटल अनुमानित है। यह मिल द्वारा प्रदर्शित आँकड़ों से लगभग 12 लाख क्विंटल अधिक बनता है।

शीरा टैंक का निरीक्षण जिला आबकारी अधिकारी, बदायूँ श्री राजेश कुमार तिवारी, आबकारी निरीक्षक, बदायूँ एवं मिल में तैनात उप आबकारी निरीक्षक श्रीराम वर्मा की उपस्थिति में किया गया। मौंके पर आबकारी विभाग के नियमों एवं निर्देशों के अनुरूप मासफ्लो मीटर चालू हालत में नहीं पाया गया तथा किसी भी शीरा टैंक पर कोई कैमरा भी नहीं लगा था। इससे भी शीरे की वास्तविक मात्रा एवं आवागमन में हेर-फेर की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

मिल ड्रायर हाउस के निरीक्षण के दौरान वहां ऑटोमैटिक बैग काउंटिग मशीन स्थापित पायी गयी, जिसमें अब तक उत्पादित चीनी के बोरों की क्रमिक संख्या का निरीक्षण के दिनांक तक विवरण प्रदर्शित करने में मिल प्रबन्धन द्वारा असमर्थता जताई गई तथा बताया गया कि मशीन में मात्र 24 घण्टे को डेटा ही सुरक्षित रहता है तथा उसके पूर्व का डेटा ऑटोमेटिकली डिलीट हो जाता है, जो विश्वासनीय नहीं है तथा कुल उत्पादित चीनी एवं चीनी के बोरों की वास्तविक मात्रा छुपाने का प्रयास प्रतीत हुआ।

प्रकरण में मिल के एम० डी० एवं जी० एम० सहित 03 व्यक्तियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराया गया है। बरेली से अखिलेश चन्द्र सक्सेना की रिपोर्ट

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