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5 साल की उम्र में चली गई आंखों की रोशनी,बुलंद हौसले के दम पर पूर्णा सुंदरी बनी IAS,पढ़िए इनकी संघर्ष की कहानी

यूपीएससी की परीक्षा भारत के सबसे कठिन परीक्षा में एक मानी जाती है. हर साल लाखों की संख्या में अभ्यर्थी परीक्षा में बैठते हैं लेकिन इसमें सफल कोच्चि अभ्यर्थि हो पाते हैं. यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए अभ्यर्थियों को एक सही रणनीति अपनानी पड़ती है इसके साथ ही साथ कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.

आज हम आपको एक ऐसे अभ्यर्थी की कहानी बताने वाले हैं जिसने अपनी आंखों की रोशनी जाने के बाद भी अपनी आईएएस अफसर बनने के सपने को नहीं छोड़ा और लगातार मेहनत करती रही. आज हम आपको पूर्णा सुंदरी कहानी बताने वाली. उन्होंने 11वी क्लास में आईएएस अफसर बनने का सपना देखा. उनके इस सपने को पूरा करने में उनके माता-पिता ने उनका पूरा सहयोग किया. पूर्णा शुरू से ही चाहती थी कि वह शिक्षक, स्वास्थ्य महिला सुरक्षा के क्षेत्र में योगदान दें.

पूर्णा जब 5 साल की थी तभी उसकी आंखों की रोशनी चली गई लेकिन उन्होंने हार नहीं माना और लगातार मेहनत करती रही. उन्होंने ठान लिया था कि मुझे किसी भी तरह IAS अफसर बनना है और यही सोचकर वह मेहनत करने लगी.

पूर्णा लगातार मेहनत करती रही और उसके सी मेहनत में 2019 में रंग दिखाया. 2019 में उसे 286वां रैंक मिला. पूर्णा का कहना है कि आप लगातार मेहनत करेंगे तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी. उन्होंने आईएएस की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को यह सलाह दिया कि लगातार मेहनत करते रहिए जब तक सफलता न हासिल हो. लगातार मेहनत करने से आपको 1 दिन में सफलता तो नहीं मिलेगी लेकिन एक दिन जरुर सफलता मिलेगी

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