पेट में पहुंचकर दवा बन जाता है ये चमत्कारी नमक!, मिलते है ये गजब के फायदे…
जबतक खाना स्वादिष्ट ना हो, तबतक उसे खाने का मन नहीं करता। आहार रसों में लवण सबसे महत्वपूर्ण होता है। अगर यह थोड़ा-सा भी कम या ज्यादा हो जाए तो निवाले को गले से उतारना भारी पड़ जाता है। कोई भी व्यक्ति नमक का सेवन पूरी तरह नहीं छोड़ सकता। मगर विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि अधिकतर लोग इसे जरूरत से ज्यादा खा रहे हैं।
ज्यादा नमक खाने से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कैल्शियम की कमी हो सकती है। इसकी वजह से शरीर में पानी जमने लगता है और हाथ-पैरों में भयानक सूजन आ सकती है। मगर आयुर्वेद सेंधा नमक को बेस्ट मानता है। व्रत में इसी नमक का सेवन किया जाता है और यह सफेद और काला नमक से 84 गुना बेहतर होता है।
नमक खाकर 84 रोगों का नाश किया जा सकता है। जो किसी ना किसी पोषक तत्व की कमी से होते हैं। मेडिकल न्यूट्रिशनिस्ट विपिन राणा ने इसमें 84 मिनरल्स की मौजूदगी बताई है। जिनमें कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक, कॉपर, सेलेनियम आदि प्रमुख हैं।
कहता है कि स्वास्थ्य वात, पित्त और कफ दोष से बनता है। इनमें से किसी भी दोष के ज्यादा या कम होने पर शरीर बेजान और कमजोर बन जाता है। रॉक साल्ट वात, पित्त और कफ का आयुर्वेदिक उपाय है।
सुस्त जीवनशैली और उल्टा-सीधा खाने से पुरुषों का शरीर कमजोर हो गया है। जिससे उनकी परफॉर्मेंस और फर्टिलिटी घटने लगी है। आयुर्वेद में सेंधा नमक को शुक्र धातु बढ़ाने वाला बताया गया है। जो कि मर्दों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।
बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें कमजोर मेटाबॉलिज्म और डायजेशन भी मुख्य है। इसे खाकर आप जठराग्नि बढ़ जाती है, जिससे खाना जल्दी पचने लगता है और चर्बी बढ़ना बंद हो जाती है।
जोड़ों के दर्द में सेंधा नमक खाना चाहिए, क्योंकि इससे इंफ्लामेशन घटती है। यह बॉडी को हाइड्रेट करने के साथ ब्लड प्रेशर को स्टेबल बनाने में मदद करता है। बस इसका एक दुष्प्रभाव यह है कि इसमें आयोडीन नहीं होता।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।