बिजनेस

महिलाओं को रोजगार देने के लक्ष्य की ओर बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है वेदांता एल्यूमिनियम

2030 की समयसीमा के बजाय 2025 में ही 30 प्रतिशत महिला कर्मचारियों की नियुक्ति का लक्ष्य हासिल कर लेगी कंपनीअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 करीब ही है, इस मौके पर भारत के सबसे बड़े एल्यूमिनियम उत्पादक वेदांता एल्यूमिनियम ने घोषणा की है कि वह वित्तीय वर्ष 2025 के अंत तक अपने कार्यबल में 30 प्रतिशत महिला कर्मचारियों के अनुपात को हासिल करने के रास्ते पर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है। गौर तलब है कि कंपनी ने इस उपलब्धि के लिए 2030 की समयसीमा तय की थी और उससे पांच साल पहले ही कंपनी इसे हासिल कर लेगी, क्योंकि वर्तमान में कंपनी में काम कर रही महिलाओं का अनुपात 22 प्रतिशत हो चुका है। वेदांता एल्यूमिनियम की यह पहल बेहद खास इसलिए है कि दुनिया भर के धातु एवं खनन उद्योग में महिलाओं की नुमाइंदगी बहुत ही कम है।

वेदांता एल्यूमिनियम ऐसे अवसरों में वृद्धि कर रही है जिनसे कंपनी में ज्यादा महिलाएं आ सकें तथा कंपनी उनके लिए भूमिकाओं को भी विस्तार दे रही है जैसे कि रात की पाली में इजाफा। कंपनी बिना किसी लैंगिक भेदभाव के ऐसी भूमिकाएं निभाने को देती है जिनसे कर्मचारियों का विकास हो, कार्यस्थल संबंधी नीतियां प्रगतिशील हैं तथा विश्व स्तरीय सुविधाएं कर्मचारियों को मुहैया कराई जाती हैं। इन सभी हस्तक्षेपों के मिश्रण से कंपनी में शामिल होने वाली महिला पेशेवरों की तादाद में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और अक्सर उन्हें कोर ऑपरेशंस में दायित्व दिए जाते हैं जैसे कि स्मेल्टिंग, खनन, बिजली उत्पादन, सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, वित्त, सम्पत्ति सुरक्षा और सामग्री खरीद।

वेदांता एल्यूमिनियम सभी कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल संबंधी एक समान प्रथाओं के माध्यम से धातु एवं खनन उद्योग में लैंगिक अंतर के समाधान हेतु सक्रियता से कार्य कर रही है। यह उद्योग भारत की आर्थिक वृद्धि में सबसे व्यापक योदगान देने वाले क्षेत्रों में से एक है। इंडस्ट्री 4.0 प्रौद्योगिकियों, डिजिटलीकरण, रोबोटिक्स व ऑटोमेशन की आमद से बड़े पैमाने पर कठिन शारीरिक कार्यों की जरूरत खत्म हो गई है, इस वजह से यह उद्योग नौकरी तलाशने वालों के लिए आकर्षक बन गया है। अब यह उद्योग आधुनिक मैन्युफैक्चरिंग, ऊर्जा परिवर्तन, सस्टेनेबिलिटी विधियों तथा कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्थाओं हेतु ’हरित’ समाधानों के विकास के मामले में विकास के ऊंचे अवसर प्रदान कर रहा है। ये सब मिलकर उद्योग में करियर के नए विकल्प प्रस्तुत कर रहे हैं जो वक्त के साथ तीव्रता से उन्नत हो रहे हैं।

इस उद्योग में महिला पेशेवरों की अधिक भागीदारी की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए वेदांता एल्यूमिनियम के सीईओ श्री जॉन स्लेवन ने कहा, ’’एक स्थिर ग्रह के निर्माण की दिशा में दुनिया कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रयासरत है, ऐसे में भविष्य में धातु की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग उद्योग को अपने विकास की गति बढ़ाने के लिए महिला पेशेवरों में निवेश करना ही होगा और ऐसा तभी हो सकेगा जब विविधता एवं समावेशी अभ्यास में बेहतरी लाई जाएगी। इस प्रकार हमें विविध दृष्टिकोणों का फायदा मिलेगा, फलस्वरूप बेहतर निर्णय लिए जा सकेंगे, विभिन्न बाजारों के लिए बढ़िया पेशकश होंगी और ग्राहक सेवा में उत्कृष्टता आएगी।’’

सुश्री सुनीला एमवीएस, प्रमुख-प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ऑफिस, ग्रोथ प्रोजेक्ट, बाल्को, ने कहा, ’’वेदांता एल्यूमिनियम में काम करने वाली महिला पेशेवरों को अवसरों तक समान पहुंच का आश्वासन मिलता है। इन अवसरों ने मुझे सशक्त किया है, अपने करियर में प्रगति और नई महत्वाकांक्षाओं को ऐक्सप्लोर करने का प्रोत्साहन मिला है।’’ ले.क. हेमंत राघव, प्रमुख-संयंत्र सुरक्षा, वेदांता झारसुगुडा ने कहा, ’’आज महिलाओं के पास पहले से ज्यादा आजादी है कि उनकी जो आकांक्षा हो वे उसी में पारंगत बनें फिर चाहे वह सशस्त्र बल हो या मैन्युफैक्चरिंग उद्योग। वेदांता एल्यूमिनियम पूरे उद्योग जगत को प्रेरित कर रही है कि वे कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर केवल काबिलियत पर ध्यान केन्द्रित करें, हमारी कंपनी खुद नजीर कायम करते हुए महिलाओं को उनके करियर में तरक्की करने का अवसर दे रही है।’’

वेदांता एल्यूमिनियम सहयोगात्मक कार्यस्थल नीतियां प्रस्तुत करती है जैसे जीवनसाथी को नौकरी पर रखने की नीति, शिशुओं की परवरिश में मदद करने के लिए एक साल का अवकाश तथा काम के घंटों में लोचनीयता। इसके अतिरिक्त कंपनी ने ओडिशा के अपने प्रचालनों में ’श्री शक्ति’ पहल द्वारा महिलाओं के लि…

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