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लखनऊ: फर्जी मार्कशीट गिरोह का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तारी ऐसे हुई
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, गुरुवार तड़के करीब 4 बजे एसटीएफ ने पारा क्षेत्र में जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय की बाउंड्री के पास सर्विस लेन पर तीन बदमाशों को धर दबोचा। तलाशी के दौरान विभिन्न शिक्षा बोर्ड, यूनिवर्सिटी और शैक्षिक संस्थानों की फर्जी मार्कशीट, सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
कैसे करता था गिरोह फर्जीवाड़ा?
गिरफ्तार आरोपी अल्ताफ राजा ने पूछताछ में बताया कि उसका एक संगठित गिरोह है, जो फर्जी दस्तावेज तैयार करता है। इससे पहले वह दिल्ली में डॉ. एसपी पांडेय के साथ मिलकर फर्जी वेबसाइट बनाकर मार्कशीट तैयार करता था।

– 2017 में गीता कॉलोनी, दिल्ली से गिरफ्तारी: इस मामले में अल्ताफ राजा और डॉ. पांडेय को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
– 2019 में दोबारा गिरफ्तारी: दिल्ली के चाणक्यपुरी थाना क्षेत्र में लक्ष्य राठौर सहित अन्य साथियों के साथ दोबारा गिरफ्तार हुआ।
– जेल से छूटकर लखनऊ में फर्जीवाड़ा: जेल से बाहर आने के बाद लखनऊ में दोबारा इसी गोरखधंधे को शुरू कर दिया।

15 से 20 हजार रुपये में बनती थी फर्जी मार्कशीट
गिरोह फर्जी मार्कशीट और अन्य प्रमाणपत्र 15,000 से 20,000 रुपये में तैयार करता था, और रकम को आपस में बांट लेता था।

कोरियर से भेजते थे फर्जी दस्तावेज
सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह लोगों को फर्जी दस्तावेज कोरियर के माध्यम से भेजता था। लखनऊ में अब तक करीब 2,000 से अधिक फर्जी दस्तावेज तैयार किए जा चुके हैं।

पुराना अपराधी निकला एक आरोपी
गिरफ्तार कृष्ण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वह भी 2009 में विकास नगर थाना क्षेत्र से फर्जी मार्कशीट मामले में जेल जा चुका है।

फिलहाल, पुलिस आरोपियों से और पूछताछ कर रही है और इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है।