प्रयागराज में 3 जनवरी से शुरू होगा माघ मेला, चलाई जाएंगी 2800 बसें, 5200 पुलिसकर्मी रहेंगे तैनात

प्रयागराज । प्रयागराज में माघ मेले के आयोजन के लिए प्रयागराज पुलिस और प्रशासन ने 2 महीने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। माघ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 2800 बसें चलाने का निर्णय लिया गया है। माघ महीने का महत्व हिंदू धर्म में बहुत माना गया है। कहा जाता है कि माघ के महीने में पवित्र नदियों में स्नान कर पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। उत्तर प्रदेश रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक रवींद्र कुमार सिंह ने माघ मेले की तैयारियों को लेकर आईएएनएस से बातचीत की।
उन्होंने कहा कि “माघ मेला 3 जनवरी से शुरू होगा और हमने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस वर्ष हम श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दो अस्थायी बस अड्डे स्थापित कर रहे हैं। एक गंगा पार झूंसी में और दूसरा यमुना पार लेप्रोसी चौराहे पर। इस बार बसों की संख्या हमने 2800 रखी है, क्योंकि इस बार मेले में भीड़ बढ़ने की संभावना ज्यादा है। इसके लिए प्रशासन पहले से ही अलर्ट है। अगर भीड़ और ज्यादा रहती है तो नेहरू पार्क पर भी बस अड्डा बनाया जाएगा। माघ मेले की तैयारियों के लिए पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड में है।

भीड़ और सुरक्षा के मद्देनजर मेले में 17 अस्थायी थाने और 40 पुलिस चौकियां बनाने का फैसला किया गया है और मेले में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तकरीबन 5200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। पुलिस चौकियों के अलावा किसी अनहोनी से बचने के लिए महिला हेल्प डेस्क, अग्निशमन विभाग और एनडीआरएफ को भी अलर्ट रखा जाएगा। 3 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ माघ मेले का अमृत स्नान शुरू होगा, जो 44 दिनों तक चलेगा। इसे छोटा महाकुंभ भी कहा जाता है। माना जाता है कि पौष पूर्णिमा और माघ मेले में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और हरि चरणों में स्थान मिलता है। माघ महीना भगवान विष्णु का प्रिय महीना माना जाता है। इसमें दान-पुण्य और जप का विशेष महत्व है।
भारत के कुछ राज्यों में पौष पूर्णिमा को शाकंभरी पूर्णिमा भी कहा जाता है और इस दिन मां शाकंभरी पूर्णिमा की भगवान विष्णु के साथ पूजा की जाती है। इस दिन पीले वस्त्र और मिठाई का दान देना बहुत शुभ माना जाता है।

