Featured Newsदेशराज्य

सदगुरु के मिट्टी बचाओ अभियान को सीएम योगी का समर्थन

लखनऊ: सदगुरु देश-दुनिया की 30 हजार किलोमीटर से अधिक लंबी यात्रा के बाद अपने ‘सेव सॉइल’ ( मिट्टी बचाओ अभियान) के साथ लखनऊ पहुंचे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ एक समारोह में मिट्टी बचाओ अभियान के बारे में चर्चा करते हुए हजारों लोगो को संबोधित किया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदगुरु का स्वागत करते हुए कहा कि 2017 में भी सदगुरु यहां आए थे और उस समय उन्होंने ‘रैली फॉर रीवर्स’ ( नदियों में पानी लाने का ) का अभियान चलाया था। सीएम योगी ने कार्यक्रम में सम्मिलित होकर सदगुरु के इस इनिशिएटिव को सपोर्ट करते हुए बताया कि यूपी के 25 करोड़ लोग सेव सॉइल कैंपेन का पूरी तरह से सहयोग करेंगे।

योगी ने कहा “ हमें बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि उत्तर प्रदेश में पिछले पांच वर्षों में सात से अधिक नदियों को पुनर्जीवन दिया गया है।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भूमि सबसे उपजाऊ मानी जाती है, हमारे पास जल संसाधन हैं। इसलिए प्रदेश की पूरी जनता मिट्टी बचाओ अभियान से जुड़ेगी। मिट्टी बचाने के उद्देश्य से ही हम लोग नैचुरल फार्मिंग से जुड़ रहे हैं।

सदगुरु ने कहा कि मिट्टी को मिट्टी कहने के लिए तीन प्रतिशत जैविक तत्वों का होना आवश्यक है। भारत के 63 प्रतिशत भूभाग में मिट्टी में 0.5 प्रतिशत से भी कम जैविक तत्व शेष रह गये हैं। बीते दशकों में तेजी से मिट्टी से जैविक तत्वों में गिरावट दर्ज हुई है। आज जिस फल का सेवन हम कर रहे हैं, उसमें पहले की अपेक्षा 90 प्रतिशत पोषक तत्व कम हो गया है। तेजी से खराब होती मिट्टी सिर्फ पर्यावरण का संकट नहीं है, यह हमारे अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा है।

तीन-चरणों वाला तरीका

अभियान का अति महत्वपूर्ण उद्देश्य कृषि-भूमि में 3-6 प्रतिशत जैविक तत्व को सुनिश्चित करना है, जिसे तीन-चरणोंवाली व्यावहारिक रणनीति से हासिल किया जा सकता है।

1. न्यूनतम 3-6 प्रति शत जैविक तत्व की सीमा हासिल करने को, आकर्षक प्रोत्साहन के जरिए, किसानों के लिए एक आकांक्षा बनाया जाए।

2. किसानों को कार्बन क्रेडि टप्रोत्साहन – कार्बन क्रेडिट के लाभ को प्राप्त करने की वर्तमान प्रक्रिया किसानों के लिए बहुत जटिल है, इसलिए इसमें महत्वपूर्ण सरली करण की जरूरत है।

3. 3-6 प्रतिशत जैविक तत्व वाली मिट्टी से उगाए गए भोजन के लिए बेहतर गुणवत्ता का चिन्ह विकसित करना – बेहतर गुणवत्ता के भोजन पर ऐसे चिन्ह का वर्तमान सिस्टम से कहीं अधिक मतलब होगा , जो बस तथा कथित ‘जैविक’ उत्पाद और ‘गैर-जैविक’ उत्पाद के बीच अंतर करने की कोशिश करता है।

सद्गुरु ने अकेले मोटरसाइकिल सवार के रूप में 100-दिन की 30,000 किमी की ‘मिट्टी बचाने की यात्रा मार्च में शुरू की थी । हमारी नष्ट होती मिट्टी की ओर दुनिया का ध्यान खींचने और सारे देशों में नीतिगत कार्यवाही को लागू करने के मकसद से, यह यात्रा ज्यादतर यूरोप, मध्य-एशिया और मध्य-पूर्व से गुजर चुकी है।

यात्रा के दौरान, सद्गुरु ने प्रत्येक देश में राजनीतिक नेताओं, मिट्टी के विशेषज्ञों , नागरिकों , मीडियाकर्मि यों और प्रभावकारी व्यक्तियों से मुलाकात की है, उन्हें मिट्टी के विलुप्त होने से निपटने की तत्काल आवश्यकता के बारे में जागरूक किया है। एक शानदार अनुक्रिया प्राप्त करते हुए, मिट्टी बचाओ अभियान पहले ही 2 बिलियन से अधिक लोगों को प्रभवित कर चुका है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Lucknow Tribune के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें... -------------------------